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Punjab Mosque Controversy: सराय को मस्जिद बनाने का मामला भड़का, राजपुरा तहसील कांप्लेक्स में माहौल तनावपूर्ण; पुलिस बल तैनात

Mosque Controversy गुज्जरांवाला मोहल्ले में गुरु की सराय को मस्जिद में बदलने का विवादित मामला गर्मा गया है। एसडीएम ने दोनों पक्षों को उनके दावे के समर्थन में जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है। इस मामले काे लेकर दाे पक्ष आमने सामने हाे गए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 02:50 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 08:05 PM (IST)
Punjab Mosque Controversy: सराय को मस्जिद बनाने का मामला भड़का, राजपुरा तहसील कांप्लेक्स में माहौल तनावपूर्ण; पुलिस बल तैनात
गुरु की सराय काे मस्जिद में बदलने का मामला भड़का। (जागरण)

जागरण संवाददाता, राजपुरा  (पटियाला)। Mosque Controversy: गुज्जरांवाला मोहल्ले में गुरु की सराय को मस्जिद में बदलने का विवादित मामला तब बढ़ गया, जब बड़ी संख्या में हिंदू व सिख जत्थेबंदी के लोग अपना पक्ष रखने के लिए एसडीएम के समक्ष पहुंचे। तहसील कांप्लेक्स में माहौल तनावपूर्ण बनने के बाद पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इसके बाद राजपुरा के एसडीएम हिमांशु गुप्ता के समक्ष सिख-हिंदू और मुस्लिम पक्षों की सुनवाई हुई। एसडीएम ने दोनों पक्षों को उनके दावे के समर्थन में जरूरी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है।

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पंजाब धर्माचार्य परिषद के अध्यक्ष अशोक चक्रवर्ती, विश्व हिंदूू परिषद के अध्यक्ष पं. नरेश शर्मा, गोरक्षा दल के प्रधान सतीश कुमार, शिव सेना के उपाध्यक्ष संजीव कुमार राजपुरा, सिख जत्थेबंदी से एसजीपीसी सदस्य सुरजीत सिंह गढ़ी व अन्य हिन्दू संगठनों सहित बड़ी संख्या में लाेग एसडीएम आफिस पहुंचे।

मोहल्लावासी परेशान, आने वालों की न कोई वेरीफिकेशन, न रिकार्ड

हिंदू संगठनों का आराेप है कि यहां हर राेज नमाज के समय लाेग जमा हाेते हैं और लाउडस्पीकर बजाते हैं। इसके चलते उन्हें परेशानी हाे रही है। मोहल्लावासियों का कहना है यहां हिंदू-सिख भाइचारे के ही लोग रहते हैं। गुरु की सराय को मस्जिद बनाने के बाद यहां काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग आ रहे हैं जिनमें यूपी या हरियाणा से ज्यादा होते हैं। मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि जब से गुरु सराय की जगह को मस्जिद बनाया गया है, यहां बाहरी राज्यों से आए लोगों का जमावड़ा लगा होता है। न इनकी कोई वेरीफिकेशन और न ही कोई रिकार्ड।

आजादी से पहले यहां मस्जिद थी: इमाम

मस्जिद के इमाम अब्दुल सत्तार ने बताया कि देश की आजादी से पहले यहां मस्जिद थी जहां पर गुज्जरों के परिवार रहते थे और इस जगह पर उनका ही कब्जा रहा है। करीब दो साल से वह इस मस्जिद में इमाम के तौर पर नमाज अदा करवा रहे हैं। एसडीएम राजपुरा ने जो दस्तावेज मांगे हैं, वह हम जल्द जमा करवा देंगे। इससे यह साबित हो जाएगा कि यहां पर मस्जिद थी।

दोनों पक्षों दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा- एसडीएम

एसडीएम हिमांशु गुप्ता ने कहा कि इस मामले संबंधी दोनों पक्षों को सारे दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा गया है। दस्तावेजों की जांच करने के बाद दोनों पक्षों को अगली तारीख देकर बुलवाया जाएगा। माहौल खराब ना हो, इसके लिए सुरक्षा बल तैनात किया गया ताकि अमन कानून की व्यवस्था कायम रह सके।

फरीदकाेट में भी हुआ था तीन मस्जिदाें का निर्माण

इससे पहले फरीदकाेट में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 50 किलोमीटर के दायरे में तीन मस्जिदों के निर्माण में कश्मीर के रास्ते हुई फंडिंग से हुआ था। इसकाे लेकर भी काफी विवाद हुआ था। केरल की संस्था रिलीफ एंड चैरिटेबल फाउंडेशन आफ इंडिया (आरसीएफआइ) ने 2019 में जिले के फरीदकोट, जैतो व मत्ता अजीत सिंह गिल में तीन मस्जिदों का निर्माण करवाया था। इससे सरकार और खुफिया एजेंसियाें में हड़कंप मच गया था। अब राजपुरा में मस्जिद का मामला गर्मा गया है। गृह मंत्रालय की रिपाेर्ट के मुताबिक पंजाब के सीमावर्ती जिलाें में आतंकी फंड़िग से मस्जिदें बनाई गई हैं।

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