सैंपल लेते ही मोबाइल नंबर भी जांचेंगी टीम, गलत या सही का तुरंत लगेगा पता
कोरोना जांच के लिए अब अगर मेडिकल टीमें किसी का सैंपल लेंगी या क्वारंटाइन करेंगी तो मरीज द्वारा लिखवाए नंबर को तुरंत जांचा जाएगा।
लुधियाना, [आशा मेहता]। कोरोना जांच के लिए अब अगर मेडिकल टीमें किसी का सैंपल लेंगी या क्वारंटाइन करेंगी, तो मरीज द्वारा लिखवाए नंबर को तुरंत जांचा जाएगा। इसके लिए मरीज की ओर से दिए नंबर पर मेडिकल टीम मिस्ड कॉल करेगी, जिससे कि मौके पर ही पता लग सके कि नंबर सही है या नहीं। इसके साथ ही मोबाइल नंबर, पते के साथ आधार नंबर भी लिया जाएगा।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने बताया कि मिस्ड कॉल से नंबर कंफर्म और आधार नंबर होने से मरीज की ट्रेसिंग व ट्रेकिंग में आसानी हो सकेगी, क्योंकि कई बार सैंपल देने आए व्यक्ति द्वारा सही मोबाइल नंबर व पता नहीं दिया जाता है। इस वजह से जब रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो वह ट्रेस नहीं हो पाते। ऐसा ही जिले में 20 मई को हुआ था। कोरोना पॉजिटिव तीन मरीज आज तक ट्रेस नहीं हो पाए। इनमें से एक मरीज प्रेम विहार का 18 साल, तो दूसरा 22 साल का युवक था।
इसके अलावा 35 वर्ष का एक अन्य मरीज था। यह तीनों मरीज सेहत विभाग की पहुंच से बाहर है। विभाग की टीमें इन तीनों द्वारा दिए पते पर भी गई और मोबाइल नंबर भी मिला लिए। लेकिन न तो मोबाइल नंबर मिला और न ही तीनों अपने बताए गए पते पर मिले। अभी तक यह अनट्रेस हैं इसलिए दोबारा ऐसा न हो, इसे देखते हुए सेहत विभाग ने नया प्रयोग किया है।
क्वारंटाइन लोगों पर नजर रखेंगे एसएमओ
सिविल सर्जन ने बताया कि मेडिकल टीमों को मरीज को ट्रेस कर अस्पताल में भर्ती करवाने में समस्या आती है। हालांकि हर किसी के पास हर वक्त आधार नंबर नहीं होता। लेकिन जिनके पास आधार नंबर होगा, उनसे लिया जाएगा। रविवार को जिले के सभी एसएमओ की मीटिंग बुलाई। इसमें उक्त निर्देश दिए गए। इसके साथ ही एसएमओ को कहा कि वह क्वारंटाइन किए जा रहे लोगों पर नजर रखें।
दूसरे राज्यों से आने वाले घरों व विदेश से लौटने वाले सेंटरों में क्वारंटाइन
डॉ. बग्गा ने बताया कि एमओ की टीमें बना दी हैं। वह औचक निरीक्षण करके देखेंगे कि क्वारंटाइन किए गए लोग 14 दिन के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल ट्रैवलर व इंटर स्टेट ट्रैवलर को हर हाल में क्वारंटाइन करना है। इंटरनेशनल ट्रैवलर को सात दिन सरकार द्वारा बनाए सेंटरों और सात दिन घरों में क्वारंटाइन किया जा रहा है। जबकि इंटर स्टेट ट्रैवलर को 14 दिन होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। क्वारंटाइन किए जाने वाले लोगों के मोबाइल पर कोवा एप भी डाउनलोड करवाया जाएगा जिससे इनकी मूवमेंट का पता लग सके।
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