फास्टवे मानहानि केस में आप विधायक कंवर संधू बरी, केबल माफिया कहने पर सात साल चला मुकदमा
कंवर संधू पर मैसेर्ज फास्टवे ट्रांसमिशन प्रा. लिमिटेड लुधियाना की ओर से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाए थे।
जासं, लुधियाना। सात वर्ष चले मानहानि के एक मुकदमे में आम आदमी पार्टी के खरड़ से विधायक और डेएंडनाइट न्यूज चैनल के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर कंवर संधू को अदालत ने सोमवार को बरी कर दिया। ज्यूडियल मैजिस्ट्रेट पुनीत मोहनियां की अदालत ने पाया कि संधू के ख़िलाफ़ सज़ा योग्य कोई केस नहीं बनता।
कंवर संधू पर मैसेर्ज फास्टवे ट्रांसमिशन प्रा. लिमिटेड लुधियाना की ओर से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाए थे। इस संबंध में लुधियाना की अदालत में वर्ष 2011 में फौजदारी मानहानि की धारा 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। फास्टवे ने अपने अधिकृत अधिकारी राजदीप सिंह के माध्यम से दायर अपनी शिकायत में कंवर संधू पर 8 जनवरी, 2011 को प्रेस कॉन्फ़्रेन्स व जारी किये गए एक प्रेस नोट में उनको केबल माफ़िया कहने और आधारहीन आरोप लगाकर उनके चैनल की प्रतिष्ठा धूमिल करने के आरोप लगाया था।
अदालत में चले लंबे ट्रायल के दौरान फास्टवे ट्रांसमिशन प्रा. लिमिटेड कंवर संधू पर आरोपों को साबित करने में असफल रहा। इस कारण अदालत ने सुबूतों के आभाव में विधायक कंवर संधू को बरी करने का फैसला सुनाया। फास्टवे ट्रांसमिशन की तरफ से तीन गवाह अदालत में पेश किए थे जबकि कंवर संधू ने अदालत में कोई भी गवाह पेश नहीं किया। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ पेश किए थे।
सत्य की जीत हुई : कंवर संधू
कंवर संधू ने अदालत के फैसले को सत्य की जीत करार दिया। उनका कहना है कि यह लड़ाई जीतने में उनको चाहे कई वर्ष लग गए लेकिन उनके साथ न्याय हुआ है । उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका में शुरू से ही पूर्ण विश्वास था।