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मुफ्त राशन वितरण में गड़बड़ी की भाजपा ने की विजिलेंस जांच की मांग

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष परवीन बांसल ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कोरोना काल में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त अनाज वितरण में गड़बड़ी हुई है। सूबे में राजनीतिक लोगों ने अपनों को खुश करने के लिए एवं चुनावों को देखते हुए वोट बैंक मजबूत करने के लिए फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाए गए फर्जी लोगों के नाम पर राशन लिया गया अपनों में ही राशन वितरित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 07:31 PM (IST)
मुफ्त राशन वितरण में गड़बड़ी की भाजपा ने की विजिलेंस जांच की मांग
मुफ्त राशन वितरण में गड़बड़ी की भाजपा ने की विजिलेंस जांच की मांग

जागरण संवाददाता, लुधियाना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष परवीन बांसल ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कोरोना काल में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त अनाज वितरण में गड़बड़ी हुई है। सूबे में राजनीतिक लोगों ने अपनों को खुश करने के लिए एवं चुनावों को देखते हुए वोट बैंक मजबूत करने के लिए फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनवाए गए, फर्जी लोगों के नाम पर राशन लिया गया, अपनों में ही राशन वितरित किया गया। साथ ही राशन बाजार में बेचा गया। भाजपा ने इसकी मांग विजिलेंस से कराने की वकालत की है।

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बांसल शुक्रवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने मांग की है कि महिला सदस्य के नाम से कार्ड बनाते समय संबंध, उसका पता और मोबाइल नंबर भी सरकारी पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि अब से इस हेराफेरी को रोका जा सके। यह पूरा मामला पंजाब में भाजपा नेतृत्व के ध्यान में भी लाया जाएगा। गरीबों के हक के लिए भाजपा किसी भी हद तक लड़ेगी। इस मुद्दे को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के ध्यान में लाने के लिए उनके साथ भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल भी उन से मिलेगा। आम जनता से अनुरोध है कि वह अपना आधार कार्ड सरकारी पोर्टल पर भरकर पता करें कि अब तक कौन सा नेता उनका राशन ले रहा है। इस हक की लड़ाई में भाजपा कार्यकर्ता उनका समर्थन करेंगे।

बांसल ने आरोप लगाया कि नीला कार्ड बनाने में ही गड़बड़ियां हुई हैं, फर्जी नाम जोड़े गए हैं। नीला कार्ड फार्मों में मुख्य सदस्य के रूप में अपने पसंदीदा का नाम भरकर बाकी आम जनता से अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड लगाकर पांच, छह सदस्यों के नाम भरे गए। इनमें न पारिवारिक तस्वीरें शामिल थीं, न ही रिश्तों का जिक्र, कई जगहों पर महिला सदस्यों को मेल दिखाया गया। सच्चाई छिपाने के लिए उन फॉर्मों पर बारकोड का स्टीकर लगा दिया। इस अवसर पर सुनील मौदगिल, इंद्र अग्रवाल, सर्बजीत सिंह काका, दविदर जग्गी, संजय गोसाईं, चंदन गुप्ता, राज कुमार, वरिदर कुमार समेत कई भाजपाई मौजूद रहे।


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