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लुधियानाः आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों का सहारा बना एसपीएस अस्पताल

आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के इलाज में राहत के लिए एक कमेटी बनी है। यह कमेटी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही डिस्काउंट तय करती है।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 10:07 AM (IST)
लुधियानाः आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों का सहारा बना एसपीएस अस्पताल

जागरण संवाददाता, लुधियाना

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कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत केवल औद्योगिक कंपनियां ही नहीं, बल्कि प्रमुख अस्पताल भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। शहर में प्रख्यात सतगुरु प्रताप सिंह (एसपीएस) अस्पताल प्रबंधन सालाना साढ़े तीन से चार करोड़ रुपये आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को इलाज में डिस्काउंट, सेहत के बारे में जागरूकता के साथ साथ शहर की सुंदरता को बढ़ाने पर खर्च कर रहा है। इसके लिए प्रबंधन कई प्रोजेक्ट पर लगातार काम कर रहा है।

काबिलेजिक्र है कि सीएसआर के तहत एक तरफ आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है, वहीं दूसरी तरफ कंपनियों की सामाजिक सक्रियता भी बढ़ रही है। एसपीएस अस्पताल के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड तेजदीप सिंह रंधावा का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों का रियायती दरों पर इलाज करता है।

इस संबंध में सालाना करीब तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपये की रियायत मरीजों को दी जाती है। आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के इलाज में राहत के लिए एक कमेटी बनी है। यह कमेटी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही डिस्काउंट तय करती है। उनका कहना है कि कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर इलाज रियायती दरों पर मिले, इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदारी से काम कर रहा है।

इसके अलावा विश्व हार्ट दिवस के अवसर पर तीस सितंबर को हर साल दिल की दौड़ कराई जाती है। इस मैराथन में बड़ी संख्या में लुधियानवी हिस्सा लेते हैं। इस दौड़ के जरिए लोगों के दिल को तंदुरुस्त रखने का संदेश दिया जाता है। इस प्रोजेक्ट पर प्रबंधन करीब ग्यारह लाख रुपये खर्च करता है। इस मैराथन को भी लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

एसपीएस अस्पताल सालाना सौ से अधिक कम्युनिटी कैंप लगा कर लोगों को अच्छी सेहत का संदेश देता है। साथ ही मरीजों का मुफ्त में इलाज भी किया जाता है। इसमें अस्पताल के माहिर डॉक्टरों की टीमें मरीजों का इलाज, टेस्ट इत्यादि करती हैं। इस प्रोजेक्ट पर प्रबंधन करीब सैंतीस लाख रुपये सालाना खर्च करता है।

अस्पताल की ओर से शहर एवं आसपास के इलाकों में कम्युनिटी अवेयरनेस ब्रांडिंग के तहत पोस्टर, स्टडीज, बैनर इत्यादि लगा कर लोगों को अच्छी सेहत के टिप्स दिए जाते हैं। खास कर मानसून के सीजन में संक्रमित बीमारियों से बचाव, सावधानियां इत्यादि के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।

वहीं स्कूल, कालेजों एवं सोसायटी में सेमीनार करवा कर उनको हाथ धोने के टिप्स भी दिए जाते हैं। इस पर सालाना करीब पांच लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लोगों को अच्छी सेहत देने के साथ साथ एसपीएस अस्पताल ने शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए भी काम किया है। जीटी रोड पर स्थित शेरपुर चौक को ग्रैफिटी के जरिए नया लुक दिया गया है।

फिरोजपुर रोड स्थित प्रख्यात आरती चौक को खूबसूरत बनाने और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी एसपीएस अस्पताल के पास है, जबकि जगरांव पुल पर गुरुद्वारा दुखनिवारण साहिब के पास भी पुल के आसपास की दीवारों पर ग्रैफिटी करवा कर उसे नए रंग दिए गए हैं। रंधावा का कहना है कि प्रबंधन का फोकस शहर की सुंदरता और अच्छी सेहत पर है।


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