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अपंगता के अभिशाप को मिटाने के लिए इन्होंने छेड़ा अभियान

राकेश जैन ने प्रेम सागर जैन सहित अन्य लोगों के सहयोग से भगवान महावीर सेवा संस्थान की नींव रखी और दिव्यांगों के दुख दर्द को मिटाने के लिए मिशन में जुट गए।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 06:00 AM (IST)
अपंगता के अभिशाप को मिटाने के लिए इन्होंने छेड़ा अभियान

कुछ करो यूं कि जमाना देखे, शोर गलियों में खड़ा क्या करना...। ऐसे ही जज्बे के साथ हजारों दिव्यांगों का सहारा बने हैं राकेश जैन। लुधियाना के राकेश जैन वह शख्स हैं, जिन्होंने वर्ष 2006 में गुजरात के कच्छ से आए एक पोलियोग्रस्त व्यक्ति को जब जैन कालोनी में असहनीय पीड़ा के साथ दोनों हाथों के सहारे जमीन पर रेंगते देखा, तो संकल्प लिया कि अपंगता अब किसी के लिए अभिशाप नहीं बनेगी।

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राकेश जैन ने प्रेम सागर जैन, राजेश जैन, सुनील गुप्ता, कुलदीप जैन, राकेश अग्रवाल, डॉ. बबीता जैन, रजनीश सहित दो अन्य लोगों के सहयोग से भगवान महावीर सेवा संस्थान की नींव रखी और दिव्यांगों के दुख दर्द को मिटाने के लिए मिशन में जुट गए, जो आज भी निरंतर चल रहा है। सेवा कार्य में जुटी इस टीम में योगदान देने वाले प्रेम सागर जैन अब इस दुनिया में नहीं हैं।

पैरों पर खड़ी हुई मोनिका, बदल गई जिंदगी
शिवपुरी में रहने वाली मोनिका की जिंदगी आज से दस साल पहले जमीन पर रेंगते हुए बीत रही थी। क्योंकि गरीब परिवार की मोनिका पोलियो ग्रस्त थी। वर्ष 2008 में किसी परिचित ने उन्हें भगवान महावीर सेवा संस्थान के बारे में बताया। मोनिका राकेश जैन से मिली। राकेश जैन मोनिका को पोलियो सर्जरी के माहिर डॉ. पवन ढींगरा के पास लेकर गए। जहां ढींगरा ने सभी तरह की जांच के बाद सर्जरी की।

सर्जरी के बाद मोनिका की जिंदगी बदल गई। कृत्रिम अंगों के सहारे मोनिका चलने लगी। फिर नौकरी मिल गई और आज मोनिका अपने विवाहित जीवन को खुशहाली से बिता रही है। मोनिका कहती हैं कि यदि उनकी पोलियो सर्जरी न हुई होती, तो जो खुशी आज उन्हें मिल रही है वह कभी नहीं मिल पाती।

हजारों पोलियोग्रस्त लोगों की सर्जरी करवाई, कृत्रिम अंग दिए
52 वर्षीय राकेश जैन के नेतृत्व में भगवान महावीर सेवा संस्थान द्वारा शहर के प्रसिद्ध उद्योगपतियों और आमजन के सहयोग से पिछले तेरह सालों में अब तक 2190 से अधिक पोलियोग्रस्त लोगों की सर्जरी करा कर उन्हें कृत्रिम अंग (टांग, बाजू, ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, हेयररिंग एड) दिए गए। इन दिव्यांगों ने समाज में अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया।

राकेश जैन बताते हैं कि पोलियो से ग्रस्त जिन लोगों की सर्जरी संस्थान द्वारा करवाई गई, उनमें ज्यादातर ऐसे युवा थे जो शिक्षित और काबिल तो थे, लेकिन अपंगता की वजह से समाज में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे, जबकि दर्जनों ऐसी लड़कियां भी थी, जिनकी जिंदगी पोलियों की वजह से घर की चारदीवारी के अंदर ही सिमट कर रह गई थी। लेकिन जब पोलियो सर्जरी हुई और कृत्रिम अंगों के सहारे जब यह खड़े हुए, चलने लगे, सुनने लगे तो इनकी जिंदगी बदल गई।

यहीं नहीं, संस्थान करीब डेढ़ सौ से अधिक चिकित्सा शिविरों के माध्यम से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित 40,000 से अधिक रोगियों को निशुल्क जांच, टेस्ट और दवाइयां उपलब्ध करवा चुका है। जो मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बाद दवा का खर्च नहीं उठा पाते, उनके लिए दवा का बंदोबस्त किया जाता है। गरीब मरीजों का इलाज करवाया जाता है।

राकेश जैन कहते हैं कि सेवा के महाअभियान का श्रेय प्रसिद्ध पोलियो सर्जन डॉ. पवन ढींगरा को जाता हैं। क्योंकि उनकी मदद और मार्गदर्शन से ही इतनी बड़ी तादाद में पोलियो से ग्रस्त मरीजों की सर्जरी हो सकी।

दो डिस्पेंसरियों से सैकड़ों को रोजाना उपलब्ध करवा रहे मुफ्त इलाज
राकेश जैन बताते है कि उनकी संस्था की तरफ से जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए दो डिस्पेंसरियां खोली गई हैं। एक नूरवाला रोड पर और दूसरा हैबोवाल में। इन दोनों डिस्पेंसरियों में मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैं। जो इन डिस्पेंसरियों में आता है, उन्हें केवल दस रूपये की पर्ची पर इलाज और दवाएं उपलब्ध करवाई जाती है। अब ताजपुर रोड पर एक और डिस्पेंसरी खोलने जा रहे हैं।

कोशिश की जाए, तो नियति को बदला जा सकता है
राकेश जैन कहते है कि पोलियोग्रस्त होना नियति का खेल जरूर है, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि उसे नियति के हवाले छोड़ दिया जाए। अगर कोशिश की जाए, तो असंभव को संभव कर नियति को बदला जा सकता है। ऐसी ही कोशिश उनका संस्थान कर रहा है। कल तक जो लोग पोलियो को जीवन का अभिशाप मान कर खुद को समाज से दूर रखे हुए थे, उन्हीं लोगों को संस्थान ने मेडिकल साइंस और तकनीक की मदद से अपने पैरों पर खड़ा कर दिया।

रिसोर्स होते तो दिव्यांगों और जरूरतमंदों के लिए अस्पताल खोलते
राकेश जैन कहते हैं कि सरकारी और निजी अस्पतालों में अब भी दिव्यांगों और जरूरतमंदों के लिए इलाज करवाना आसान नहीं है। उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इनके लिए अलग से कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे इन्हें आसानी से बेहतर इलाज मिल सके। ऐसे में यदि उनके पास और रिसोर्स होते, तो एक ऐसा अस्पताल शुरू करते जहां दिव्यांगों को हर तरह की मेडिकल सुविधा सरलता से मिल सके।

पोलियो ग्रस्त लोग करे संपर्क

ऐसे लोग जो पोलियो से ग्रस्त और चलने में असमर्थ है, वह भगवान महावीर सेवा संस्थान के प्रधान राकेश जैन से फोन नंबर 98148-04454 पर संपर्क कर सकते हैं। राकेश जैन ने कहा कि संस्था द्वारा गरीब और जरूरतमंद पोलियोग्रस्त लोगों की हर तरह से मदद की जाएगी। ताकि वह आत्म निर्भर बन सकें।


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