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आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की मदद को हाथ बढ़ा रहा ओसवाल फाउंडेशन

फाउंडेशन ने हमेशा ही आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाए हैं

By Krishan KumarEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 06:00 AM (IST)
आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की मदद को हाथ बढ़ा रहा ओसवाल फाउंडेशन

शहर के प्रमुख औद्योगिक घराने नाहर ग्रुप से जुड़ी कंपनियां अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत शिक्षा, पर्यावरण, खेल एवं सेहत पर फोकस कर रही हैं। इसके अलावा शहर को सुंदर बनाने में भी इस ग्रुप का अहम योगदान है। ग्रुप की सीएसआर गतिविधियां ओसवाल फाउंडेशन चेरिटेबल सोसाइटी के बैनर तले चेयरमैन एवं बिजनेस टायकून जवाहर लाल ओसवाल की देखरेख में की जा रही हैं। फाउंडेशन ने हमेशा ही आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाए हैं। चाहे स्कूली बच्चों की शिक्षा का स्तर बढ़ाना हो, चाहे बच्चों को खेल के प्रति प्रोत्साहित करना ओसवाल फाउंडेशन ने हमेशा ही दरियादिली दिखाई है। शहर के प्रमुख फव्वारा चौक को सुंदर बनाने और जीटी रोड पर ओसवाल वूलेन मिल के समक्ष पार्क बनाने में भी फाउंडेशन ने अपना योगदान दिया है।

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जीटी रोड पर ओसवाल वूलेन मिल के सामने बना पार्क लोगों की सैरगाह बन गया है, जबकि फव्वारा चौक में रंग बिरंगी लाइटों के बीच चल रहे फव्वारे लुधियानवियों को आनंदित करते हैं। इसके अलावा सिंधवा नहर के पानी को गंदा होने से बचाने के लिए पुल के आसपास ऊंची-ऊंची जालियां लगवाई गई हैं। साथ ही पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की प्रमुख सड़क को बनवा कर उसे सुंदर बनवाया गया एवं वहां पर आसपास बैंच लगवाए गए। सुबह एवं शाम को पीएयू परिसर में सैर करने वाले लोगों को बैंच काफी राहत दे रहे हैं।

इसके साथ ही फाउंडेशन एक उभरती तैराक को डाइट एवं अन्य खर्च के लिए हर माह पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद कर रही है। मकसद साफ है कि उक्त खिलाड़ी तैराकी में विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करे। जगरांव पुल के पास दुर्गा माता मंदिर के समक्ष पार्क में एवं ढंढारी कलां रेलवे स्टेशन के सामने मोबाइल शौचालय भी स्थापित कराए गए हैं।

ओसवाल फाउंडेशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी नवदीप शर्मा का कहना है कि शिक्षा के साथ-साथ अब से सेहत पर भी फोकस किया जा रहा है। शिक्षा के लिए फाउंडेशन ने ग्यासपुरा स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल में क्लास रूम, फर्नीचर, किचन, वॉशरूम, वॉटर कूलर मुहैया कराने के साथ-साथ ग्राउंड भी पक्का कराया है। यह सूबे का पहला सरकारी स्कूल है जहां पर नर्सरी कक्षा भी शुरू हुई। इसमें छह अध्यापकों का प्रति माह वेतन भी फाउंडेशन देती है। इस स्कूल में 1800 बच्चे पढ़ते हैं और बच्चों को स्टेशनरी, पुस्तकें, जूते समेत हर जरूरत का सामान दिया जा रहा है। इन बच्चों को स्तरीय शिक्षा बेहतर माहौल में देने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी तरह ढंढारी स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल में भी क्लास रूप, वॉशरूम, बनवा कर दिए गए। जोधां स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल की 1945 में बनी बिल्डिंग का पुनर्निमाण कराया गया। फर्नीचर दिया गया, वॉशरूम बनवाए गए।

वहीं नेत्रहीनों के लिए बने ब्रेल भवन को भी फाउंडेशन ने अडॉप्ट किया। वहां पर क्लासरूम, लाईब्रेरी, म्यूजिक हॉल, फर्नीचर, वाद्ययंत्र मुहैया कराए गए। मागरा के सरकारी स्कूल को भी अडॉप्ट किया गया। वहां पर कूलर एवं क्लासरूम बनवाए गए। नवदीप के अनुसार फाउंडेशन ने कई स्कूलों में आर्थिक मदद देकर बच्चों को बेहतर माहौल देने का सार्थक प्रयास किया है। फाउंडेशन के बैनर तले आंखों की जांच का कैंप भी लगाया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंच कर इलाज कराया। कुल मिला कर फाउंडेशन सीएसआर में शहर की सुंदरता के अलावा शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है। यह मिशन आगे भी जारी रहेगा।


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