जब SMO के सामने प्रसूताओं ने दिखाई हिम्मत, एक-एक कर सबकी खुली पोल
प्रसूताओं की बात सुनने के बाद एसएमओ को कोई जवाब नहीं सूझा। इसी बीच एक प्रसूता बोल पड़ी मैडम हमारी शिकायत पर कार्रवाई भी होगी या बस सुनकर अनसुना कर दिया जाएगा।
लुधियाना, जेएनएन। सरकारी अस्पताल के व्यवस्थापक आए दिन किसी न किसी कारण से सुर्खियों में आ ही जाते हैं। इस बार मदर एंड चाइल्ड अस्पताल की एसएमओ डॉ. माला खूब चर्चा में हैं। हाल ही में एसएमओ डॉ. माला लेबर रूम का जायजा लेने पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने हर प्रसूता से पूछा कि कोई आपसे बधाई तो नहीं मांगता, अगर मांगता है तो मुझे बताएं, तत्काल एक्शन होगा। यह सुनकर कुछ प्रसूताओं ने हिम्मत जुटाई और एक-एक कर बधाई मांगने वालों की पोल खोल दी। दो-तीन प्रसूताओं की बात सुनने के बाद एसएमओ को कोई जवाब नहीं सूझा। इसी बीच एक प्रसूता बोल पड़ी, मैडम हमारी शिकायत पर कार्रवाई भी होगी या बस सुनकर अनसुना कर दिया जाएगा। हालांकि तब तक एसएमओ मौके से निकल गई थीं। यह देखकर एक प्रसूता के परिजन बोले, यहां तो हाथी के दांत दिखाने के और हैं, खाने के और।
'डॉक्टर साहब' के लिए दिल्ली दूर नहीं
नेता बनने का शौक हर किसी को होता है, पर इन दिनों शेरपुर में क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर काफी चर्चा में हैं। दरअसल, पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले 'डॉक्टर साहब' इसलिए सुर्खियों में हैं क्योंकि वह किसी भी पार्टी के नेता से मेलजोल बढ़ाने में पीछे नहीं रहते। शुरुआती दौर में डॉक्टर साहब लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से संबंध रखते थे। फिर कांग्रेस के नेताओं से उनके मधुर संबंध बने। कुछ साल कांग्रेस में रहने के बावजूद यहां दाल नहीं गली तो अब भाजपा में एंट्री मारने की जुगत में हैं। जब भी दिल्ली से केंद्रीय मंत्री औद्योगिक नगरी पहुंचते हैं तो डॉक्टर साहब हाजिरी लगाना नहीं भूलते। वैसे डॉक्टर साहब निर्दलीय सांसदों से भी मिलने से गुरेज नहीं करते। यहां तक कि जिस दल के नेता दिल्ली जाने को कहते हैं, डॉक्टर साहब उनके साथ निकल पड़ते हैं।
पीपीसीबी अफसर ने चाय पे बुलाया है
हाल ही में शहर के समाजसेवी कुमार गौरव ने सिविल अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट के यहां-वहां बिखरे होने का मुद्दा उठाते हुए अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर किया था। गौरव ने मौके पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी और सिविल सर्जन को भी बुलाया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन को लेकर कई तरह की खामियां होने की बात कही और जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट आला अफसरों को सौंपने का भरोसा भी दिलाया। अब कुमार गौरव का कहना है कि पिछले पंद्रह दिनों से जब भी उक्त अधिकारी से रिपोर्ट के बारे में पूछते हैं तो हर बार जवाब मिलता है कि आओ गौरव जी चाय पीते हैं, बैठकर बात करेंगे। इन हालातों में कुमार गौरव को संदेह है कि कुछ लोगों को बचाने के लिए रिपोर्ट को दबाने की कोशिश की जा रही है।
तीसरी आंख से पकड़ेंगे चोरों को
शहर के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में चोर आसानी से मरीजों एवं तीमारदारों के सामान पर हाथ साफ कर देते हैं। अस्पताल में कई सिक्योरिटी गार्ड होने के बावजूद चोर उनकी आंखों में धूल झोंककर आसानी से अपना काम करके रफूचक्कर हो रहे हैं। इलाज के लिए आए मरीज पहले ही शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान होते हैं, ऊपर से सामान चोरी होने से उनकी परेशानी और बढ़ जाती है। इससे अस्पताल प्रबंधन की नींद भी हराम हो चुकी है। प्रबंधन समस्या का समाधान तलाशने में जुटा है। राय-मशविरे के बाद अब सीनियर मेडिकल अफसर डॉक्टर अविनाश जिंदल ने यह सोचा है कि चोरों पर निगाह रखने और उनको पकडऩे के लिए अस्पताल के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं। इस संबंध में बाकायदा प्रस्ताव बना कर स्वास्थ्य विभाग को भी भेज दिया है। अब सरकारी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार है।