चार साल बाद मनीष तिवारी की एंट्री से कांग्रेसियों में मची खलबली
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी एक बार फिर लुधियाना की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। इससे यहां के कांग्रेसियों में खलबली मच गई है।
लुधियाना, [अर्शदीप समर]। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी एक बार फिर लुधियाना की राजनीति में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पिछले चार साल से लुधियाना से दूरियां बनाई हुई थीं। लोकसभा चुनाव से एक साल पहले उनके दोबारा यहां सक्रिय होने पर कांग्रेसियों में खलबली मच गई है। मनीष ने आते ही अपने गुट के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ लंच-डिनर किया।
इस दौरान उन्होंने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से शहर की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा शहर में कांग्रेस में बढ़ रही गुटबाजी को लेकर भी मनीष ने नेताओं से चर्चा की। इसकी जानकारी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु गुट को मिली तो तुरंत उबाल उठ पड़ा। उधर, मनीष तिवारी एंट्री के बाद सासद बिट्टू गुट भी सक्रिय हो गया है। उन्होंने सांसद बिट्टू का जोरदार प्रचार करना शुरू कर दिया है।
यूथ जिला प्रधान ने सासद बिट्टू का बजाया डंका
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के शहर में दौरे के दौरान सासद बिट्टू गुट ने सोशल मीडिया पर उनका प्रचार शुरु कर दिया। यहा तक कि यूथ कांग्रेस के जिला प्रधान राजीव राजा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें सांसद बिंंट्टू ही चाहिए। उन्होंने शहरवासियों के काफी काम किया है। उधर, मनीष तिवारी गुट ने भी सोशल मीडिया पर मनीष की एंट्री को लेकर प्रचार तेज कर दिया है।
मनीष के जाने के बाद ही बिट्टू को मिली थी टिकट
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने तबीयत खराब होने के कारण पिछले लोकसभा चुनाव में लुधियाना की सीट छोड़ दी थी। इसके बाद कांग्रेस ने रवनीत सिंह बिट्टू को श्रीआनंदपुर साहिब से लुधियाना भेज दिया था। बिट्टू की जीत के बाद मनीष तिवारी और बिट्टू गुट आमने सामने हो गए। उसके बाद से ही दोनों गुटों में काफी टकरार चल रहा है। कई बार सांसद बिट्टू और मनीष तिवारी गुट आमने सामने हो चुका है।
बरसात आने से शहर डूबने पर भी मनीष गुट ने बोला था धावा
नगर निगम में सासद बिट्टू गुट के चहेते बलकार सिंह पर भी पिछले दिनों मनीष तिवारी गुट ने निशाना साधा था। पिछले दिनों बरसात आने पर पूरा शहर डूब गया था। जिसके बाद मनीष तिवारी के खासमखास पूर्व कांग्रेस जिला प्रधान पवन दिवान में नगर निगम का हालत पर निशाना साधते कहा था कि शहर की हालत काफी खस्ता है। इसके बाद से संकेत मिलने शुरू हो गए थे कि दोबारा मनीष तिवारी गुट सक्रिय होने जा रहा है।
राजनीतिक परिवार में लिया जन्म, पिता थे प्रोफेसर
मनीष तिवारी का जन्म 8 दिसंबर 1965 को चंडीगढ़ के एक राजनीतिक परिवार में हुआ है। पिता डॉ. वीएन तिवारी पंजाब विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग में प्रोफेसर थे। उनकी मृत्यु 1984 में हुए हुई थी। पेशे से वकील मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र से बीए (ऑनर्स) किया तथा एलएलबी दिल्ली विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की।
मनीष तिवारी शुरू से ही राजनीतिक माहौल में पले-बढ़े। उनके दादा सरदार तीरथ सिंह एक वकील और पंजाब कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे। मनीष 2004 में लुधियाना से लोकसभा का चुनाव हार गए, लेकिन 2009 में उन्होंने फिर वापसी की। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार गुरुचरण सिंह को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की और पहली बार सांसद चुने गए।