जीवन एक गणित है, इसमें जोड़-घटाव सब होता है: अचल मुनि
एसएस जैन सभा शिवपुरी के तत्वावधान में चातुर्मास सभा जारी है।
संस, लुधियाना : एसएस जैन सभा शिवपुरी के तत्वावधान में चातुर्मास सभा जारी है। शुक्रवार को गुरु अचल मुनि ने कहा कि अब महल में हमें जीने की कला भी सीखनी है, क्योंकि अगर तैरना आता हो तो डूब नहीं सकता, खाना बनाना आता हो तो हम भूखे नहीं मर सकते। इसी प्रकार जीने की कला भी बहुत जरूरी है। आज शादियां असफल हो रही है, रिश्ते टूट रहे हैं। इसकी वजह है जीने की कला का न होना। सहन शक्ति का अभाव। पति-पत्नी छोटी से छोटी बात भी सहन नहीं कर पाते।
उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे परिवार को जानता हूं। उनकी शादी को कुछ ही महीने हुए थे। एक बार पत्नी कार रिवर्स में ले रही थी। बगल में बैठे पति ने कहा कि तुम्हें गाड़ी को रिवर्स करना भी नहीं आता। इसके बाद तो बस पूछो मत। पत्नी ने कार की चाबी फैंकी और सीधी अपने मां-बाप के घर चली गई और तलाक का प्रस्ताव रख दिया। अरे मैं कहता हूं क्या यही जिदगी है? क्या यही प्यार है? अरे गुरु आपके साथ हमेशा नहीं रहेंगे, इसलिए अपने मन को खुद ही समझना होगा। अपने मन को श्रोता बनाएं और स्वयं उपदेशक बनें। किसी को गाली देने या थप्पड़ मारने का मन करे तो पहले अपने से कहें, देख भाई तू किसी को गाली देगा, सामने वाला तुझे दो गाली देगा। बोलो क्या तुम्हें मंजूर है। अगर नहीं तो फिर तुम्हें भी किसी को गाली देने, थप्पड़ मारने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन एक गणित है। गणित में जोड़ना, घटाना, गुणा करना और भाग देना, सब कुछ होता है। जिदगी में भी यह सब जरूरी है। जिदगी में दोस्ती का जोड़ करो, दोस्त खुद व खुद बढ़ जाएंगे। दुश्मनी को घटा दो, दुश्मन खो जाएंगे। शीतल मुनि ने भगवान महावीर के जीवन से करवाया रूबरू
शीतल मुनि म. ने कहा कि प्रभु महावीर के जीवन को संक्षेप में सुनाकर सभी को मंत्रमुंग्ध कर दिया। अतिशय मुनि ने कहा कि गजब की एकता देखी, मैंने लोगों की जमाने में, जो जिदा है, उसे गिराने में व जो मुर्दा है उसे उठाने में। अखिल मुनि व निखिल मुनि ने प्रभु गौतम स्वामी की आरती सभा में गाकर सभा को अपना बना लिया।