मानवता एक पर इंसान ने आदमी को धर्म के नाम पर बांटा
एसएस जैन सभा सिविल लाइंस में गुरुदेव अचल मुनि ठाणा-5 के सान्निध्य में धर्म सभा जारी है।
संस, लुधियाना : एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के तत्वावधान व ओजस्वी वक्ता गुरुदेव अचल मुनि ठाणा-5 के सान्निध्य में धर्म सभा जारी है। सोमवार की सभा में अचल मुनि म. ने कहा कि धर्म कभी खेत में पैदा नहीं होता, ये हमारी आत्मा में पैदा होता है। विश्व भर से बंधुभाव रखना धर्म है। आज धर्म को संप्रदाय में बांटा जा रहा है।
मानवता एक है पर इंसान ने आदमी को बांट दिया है। हिदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, फारसी, पंजाबी। धर्म के नाम पर आदमी को बांटा जा रहा है, पर मजहब कभी लड़ना नहीं सिखाता। धर्म तो टूटे हुए दिलों को जोड़ता है। आज मंदिर, मस्जिद के नाम पर लड़ाइयां हो रही हैं। जो धर्म आदमी का बंटवारा कर रहा है, एक-दूसरे को तोड़ रहा है। याद रखना वो धर्म नहीं है वो कोरा पाखंड ही है। याद रखना धर्म तो प्रेम सिखाता है। आज हमने धर्म को पंथ में, संप्रदाय में बांट दिया है। धर्म कभी बांटा नहीं जा सकता। बल्कि इंसान ने खुद को बांट लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि जब तक धर्म अंदर नहीं जाएगा, तब तक शांति भी नहीं मिलेगी। जहां पर अहिसा, संयम व तपस्या है, वहीं धर्म है। धर्म कभी मंदिर, मस्जिद, स्थानक, गुरुद्वारों, डेरों में नहीं होता, धर्म तो अपनी आत्मा में होता है। शीतल मुनि म. ने कहा कि थोड़ा अपनी इच्छाओं व आवश्यकताओं को सीमित करें, क्योंकि आवश्यकताएं जब बढ़ती हैं, तो चिताएं भी बढ़ती जाती हैं। इच्छाओं को रोकने की एकमात्र दवा संतोष है। समय की कीमत को पहचानो, जीवन मत बर्बाद करो
अतिशय मुनि ने कहा कि समय की कीमत को पहचानो। समय की बर्बादी जीवन की बर्बादी है। समय को बर्बाद करना जिदगी बर्बाद करना है। 5 तरीकों से हम समय को बर्बाद करते है। निदा, चुगली, एक-दूसरे की आलोचना, नींद से, हवाई किले बनाने की योजनाओं से और गैरी जरूरी कामों को महत्व देने से मानव का समय जाया हो रहा है।