मालवा मिल के मजदूरों ने वेतन न मिलने पर दिया धरना
माछीवाड़ा मालवा ग्रुप की ओर से माछीवाड़ा नजदीक गांव ईराक में स्थित मालवा इंडस्ट्रीज ने पिछले दो महीने से अपना गारमैंट यूनिट बंद किया हुआ है परन्तु मिल में काम करने वाले मजदूरों को बनता वेतन ना मिलने के कारन वह भड़क गये और सड़कों पर आकर रोष प्रदर्शन करने लग गए।
संवाद सहयोगी, श्री माछीवाड़ा साहिब
निकटवर्ती गांव इराक में स्थित मालवा मिल में दो माह से गारमेंट यूनिट बंद है। मगर, यहां काम करने वाले मजदूरों ने उनका बनता वेतन न मिलने पर शुक्रवार को रोष प्रदर्शन किया।
इसके तहत मजदूरों ने माछीवाड़ा-कोहाड़ा रोड पर प्रदर्शन करते हुए कहा कि मिल बंद होने से बेरोजगार हो गए हैं और महामारी के कारण उनको रोजगार भी नहीं मिल रहा है। वहीं मिल प्रबंधकों द्वारा उनका दो महीने का बनता वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके कारण वे दो माह से दानी संस्थाओं द्वारा लगाए लंगर से अपना गुजारा कर रहे हैं। मजदूरों ने बताया कि उनके पास घर का किराया देने के लिए पैसे नहीं है और न ही इतना पैसा है कि वे अपने गृह राज्यों में परिवार के पास चले जाएं। मजदूरों ने बताया कि वे वेतन के लिए पहले भी तीन बार धरना लगा चुके हैं और प्रबंधकों द्वारा सिर्फ दो-दो हजार खाते में डाल कर लारे लगा दिए गए हैं। अब उनकी और उनके बच्चों की हालत यह है कि घर में रोटी खाने के लिए भी पैसा नहीं है। ऐसे में मजबूरन उनको धरना लगाना पड़ा है।
उधर, धरना लगने की जानकारी मिलने पर पुलिस जिला खन्ना की एसपी सुरिदरजीत कौर, डीएसपी समराला एचएस मान, इंस्पेक्टर सुखवीर सिंह, एसआइ सिकंदर सिंह और प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार जसविदर सिंह मौके पर पहुंचे। इस दौरान मजदूरों द्वारा लिखित में प्रशासन को शिकायत दी गई कि प्रशासन उनका बनता वेतन दिलाए। साथ ही यह मांग भी रखी कि उनको मिल प्रबंधकों पर विश्वास नहीं है। ऐसे में कम से कम मिल मालिक उन्हें लिखित में बताएं कि वेतन कब दिया जाएगा।
उधर, इस बारे में एसपी सुरिदरजीत कौर की मिल प्रबंधकों के साथ हुई बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि मजदूरों के खातों में 30 मई तक उनका बनता वेतन डाल दिया जाएगा। इस बारे में पुलिस प्रशासन ने मजदूरों को विश्वास दिलाया कि अगर 30 मई तक उन्हें वेतन न मिला, तो मिल प्रबंधकों खिलाफ कानूनी कारवाई की जाएगी।