27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, चार राशियों के लिए है विशेष फलदायी
27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण की कुल अवधि 04 घटे 05 मिनट की होगी।
लुधियाना [कृष्ण गोपाल]। 27 जुलाई आषाढ़ पूर्णिमा को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस ग्रहण में पूरा चंद्र ब्लडमून में दिखेगा। ग्रहण की कुल अवधि 04 घटे 05 मिनट की होगी। इससे पहले 31 जनवरी को इस साल पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था, जिसमें करीब 1 घटे 16 मिनट का खग्रास था। अब 27 और 28 जुलाई की मध्य रात्रि में लगने वाले चंद्रग्रहण में करीब 1 घटे 43 मिनट का खग्रास रहेगा।
दंडी स्वामी देवेश्वानंद तीर्थ ने कहा कि यह चंद्रग्रहण शुरू होने से अंत तक करीब 4.05 घंटे अर्थात 235 मिनट का रहेगा। खगोल वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा। एशिया ही नहीं अन्य देशों में भी भी यह चंद्रग्रहण दिखेगा। ग्रहण एशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, जापान, बेल्जियम, पुर्तगाल, इंग्लैंड, हंगरी, टर्की, जकार्ता, ग्रीस, इटली, म्यामार, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, रूस, चीन, ब्राजील, अर्जेटीना, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, हिंद और अटलाटिक महासागर इत्यादि भागों में भी दिखाई देगा।
मिथुन, तुला, वृश्चिक के लिए शुभ व मकर पर अशुभ रहेगा प्रभाव
ज्योतिषाचार्य डॉ. सोनिया मौदगिल के अनुसार ग्रहण 27 जुलाई की मध्य रात्रि में 11 बजकर 54 मिनट पर आरंभ होगा। इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 49 मिनट पर होगा। जिस राशि में चंद्रग्रहण होता है उस राशि के लोगों को कष्ट का सामना करना पड़ता है। ग्रहण मकर राशि में होने के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ग्रहण से जहां कई राशियों को अशुभ फल मिलने की आशंका है वहीं कुछ राशियों को लाभ और शुभ फल भी मिलने वाला है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन राशि के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा।
ग्रहण में चंद्रमा क्यों दिखता है लाल
पं. राज शास्त्री के अनुसार जब सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती है तो हमें कोई भी वस्तु उस रंग की दिखती है जिससे प्रकाश की किरणें टकराकर हमारी आंखों तक पहुंचती हैं। यही कारण है हमें चंद्रमा लाल दिखता है और इसी को ब्लड मून कहते हैं।
सूतक से पहले ही करें पूजा
चंद्रग्रहण तो रात को 11 बजकर 54 मिनट पर लगेगा पर सूतक दोपहर में 2.54 पर ही लग जाएगा। मंदिर के कपाट 2.54 से पहले ही बंद कर दिया जाएंगे। यह ग्रहण आसानी से बिना किसी उपकरण की सहायता से देखा जा सकेगा। इस दिन गुरु पूर्णिमा पड़ रही है। पूजा ग्रहण के सूतक काल लगने से पहले की जा सकती है।
31 को एक और खगोलीय घटना होगी
31 जुलाई को एक और शानदार खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। 31 जुलाई को मंगल और पृथ्वी के बीच की दूरी 5.76 करोड़ किलोमीटर रह जाएगी। साल 2003 के बाद यह पहला मौका होगा जब लाल ग्रह पृथ्वी के इतना करीब होगा। उस दौरान इन दोनों ग्रहों के बीच की दूरी 5.57 करोड़ किलोमीटर रह गई थी। उस रात पूरे भारत में नग्न आंखों से मंगल का दीदार किया जा सकेगा।
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