केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में लुधियाना UCPMA दोफाड़, चुनावों के बाद भी एसोसिएशन में तालमेल की कमी
फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि कच्चे माल के दामों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। इसके चलते इंडस्ट्री को बड़ी मुश्किल हो रही है । एक साल के दामों में ही जबरदस्त उछाल आ गया है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। साइकिल एवं साईकिल पार्ट्स का निर्माण करने वाली कंपनियों के प्रमुख संगठन यूनाइटेड साईकिल एवं पार्ट्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (UCPMA) एक बार फिर दो गुटाें में बंटी नजर आ रही है। पांच दिनों से चल रहे प्रदर्शन से प्रधान सहित कई पदाधिकारी और उद्यमी गायब है। स्टील सहित कच्चे माल के दाम बढ़ने और शॉर्टेज के खिलाफ भी उद्यमी एक नहीं हो पाए। ऐसे में केंद्र सरकार को घेरने वाली इंडस्ट्री एक प्लेटफार्म पर नहीं पहुंच पाई है।
गाैरतलब है कि पिछली टर्म में भी टीम में आपसी तालमेल न होने के चलते इंडस्ट्री को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा था। जबकि अब भी टीम तो बदल गई है लेकिन आपसी मनमुटाव कम नहीं हुए हैं। इसी के चलते यह यूसीपीएमए के गेट पर होने वाले प्रदर्शन में प्रधान सहित इंडस्ट्री के कई दिग्गज गायब हैं। चुनाव लड़ने वाले एक ग्रुप के पदाधिकारियों प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, जबकि दूसरे ग्रुप के पदाधिकारियों ने इससे दूरी बनाई हुई है।
-- कच्चे माल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी
फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि कच्चे माल के दामों में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। इसके चलते इंडस्ट्री को बड़ी मुश्किल हो रही है । एक साल के दामों में ही जबरदस्त उछाल आ गया है। बात लोहे के दामों की करें, तो ₹35 किलो वाला लोहा अब ₹82 किलो पहुंच चुका है। वहीं बात निक्कल ही करें तो ₹850 किलो की बजाय अब 1700 रुपये किलो में मिल रहा है। कॉपर की बात करें तो ₹325 की बजाय ₹700 किलो में मिल रहा है। वहीं इंडस्ट्री का प्रमुख उत्पाद कोयला 7 रुपए से 24 रुपए किलो पहुंच चुका है। इसी प्रकार कई रॉ मटीरियल की के दाम बढ़ चुके हैं। जिसमें इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो रहा है।
-- यह सारी इंडस्ट्री की समस्या, हो सकता है दिवाली में व्यस्त होः सचदेवा
यूसीपीएमए के महासचिव मनजिंदर सिंह सचदेवा ने कहा कि यह लड़ाई इंडस्ट्री के हितों के लिए हैं। यह सारी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। रॉ मेटीरियल के दामों को निर्धारित करने के लिए सरकार को एक कमेटी का गठन करना चाहिए। ताकि रोज बढ़ने वाले दामों से इंडस्ट्री खासकर एमएसएमई इंडस्ट्री को नुकसान सहना ना पड़े। इस प्रदर्शन में सभी एकजुट होकर आगे बढ़े। हो सकता हैं दिवाली के चलते कुछ पदाधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी जब तक मांग नहीं मानी जाती। यह प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा और उम्मीद है कि सारे इंडस्ट्री के हित के लिए एकजुट होकर प्रदर्शन में शामिल होंगे।