सितंबर में हो सकते हैं यूसीपीएमए चुनाव, जोड़ तोड़ की राजनीति आरंभ
भारतीय साइकिल इंडस्ट्री के प्रमुख गढ़ एवं सिगल ट्रेड आर्गनाइजेशन यूनाइटेड साइकिल एवं पार्ट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (यूसीपीएमए ) के चुनावों की राजनीति गर्मा गई है। सितंबर माह में मौजूदा कार्यकारिणी के दो साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में नई टीम के गठन को लेकर चुनाव प्रक्रिया शीघ्र आरंभ कर दी जाएगी।
मुनीश शर्मा, लुधियाना : भारतीय साइकिल इंडस्ट्री के प्रमुख गढ़ एवं सिगल ट्रेड आर्गनाइजेशन यूनाइटेड साइकिल एवं पार्ट्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (यूसीपीएमए ) के चुनावों की राजनीति गर्मा गई है। सितंबर माह में मौजूदा कार्यकारिणी के दो साल पूरे हो जाएंगे। ऐसे में नई टीम के गठन को लेकर चुनाव प्रक्रिया शीघ्र आरंभ कर दी जाएगी। इस कड़ी के तहत अब आने वाले कुछ दिनों में एजीएम को लेकर भी घोषणा हो जाएगी। अब देखने योग्य होगा कि कोविड संक्रमण के चलते चुनाव समय पर करवाए जाते हैं या इनकी तिथियों में किसी तरह की तब्दीली की जाती है।
इंडस्ट्री का एक बड़ा वर्ग समय से चुनाव करवाए जाने के हक मे हैं। उनका मानना है कि कई राज्यों के चुनाव अगर कोविड पीक के दौरान करवाए जा सकते हैं, तो एसोसिएशन के चुनावों में देरी का कोई औचित्य नहीं बनता। चुनावों का समय नजदीक आते ही इंडस्ट्री कई गुटों में बंट गई है। हर कोई अपनी अपनी टीम बनाने की जुगत में है और इस बार कई नए चेहरे भी चुनाव मैदान में आ सकते हैं। हर दो साल बाद होने वाले चुनावों में साइकिल इंडस्ट्री के दिग्गज अपने पसंदीदा लोगों को पदों पर बिठाने के लिए पूरा जोर लगाते हैं। इस बार देखने योग्य होगा कि कौन कौन चुनाव मैदान में उतरता है और जोड़तोड़ में कौन किसे अपने पाले में ले जाने में सफल होता है। -- किन किन पदों पर होता है चुनाव
यूसीपीएमए में आठ पदों पर वोटिग के जरिए पदाधिकारी चुने जाते हैं। इनमें सबसे अहम पद प्रधान का रहता है, इसके लिए बड़े कारपोरेट घरानों से लेकर स्माल स्केल इंडस्ट्री पूरा जोर लगाती है। वहीं इसके अलावा सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, वाइस प्रेसीडेंट, महासचिव, सचिव, ज्वाइंट सचिव, प्रचार सचिव, फाइनांस सचिव शामिल हैं। साइकिल इंडस्ट्री का सबसे पुराना एवं बड़ा संगठन
यूसीपीएमए साइकिल इंडस्ट्री का सबसे पुराना एवं बड़ा संगठन है। इस सिगल ट्रेड आर्गनाइजेशन के 2400 के करीब सदस्य हैं, जो साइकिल एवं साइकिल पार्टस का निर्माण करते हैं। इन चुनावों में सबसे अधिक भूमिका मीडियम एवं स्माल स्केल कंपनियों की रहती है। जोकि मिक्सलैंड यूज इलाकों से संबंधित है। जो इन छोटी कंपनियों को अपने पक्ष में ले आता है, उसको अधिक मत मिल पाते हैं। ऐसे में चुनाव के नजदीक आते ही कई उद्योगपति अपनी टीम की जीत के लिए पहले से ही मिक्सलैंड यूज इलाको की इंडस्ट्री से संपर्क में आ गए हैं और उनके साथ बैठकें कर मेल मिलाप को बढ़ा रहे हैं।