शिक्षकों ने डीसी दफ्तर के बाहर दिया धरना, ट्रैफिक जाम
अध्यापक संघर्ष कमेटी के आह्वाहन पर अध्यापकों ने वीरवार को वेतन कटौती व टर्मिनेशन के विरोध में पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। करीब पांच सौ से अधिक अध्यापकों ने पहले डीसी कार्यालय के बाहर धरना दिया, फिर भारत नगर चौक पर पंजाब सरकार का पुतला फूंका। इस मौके पर उन्होंने शिक्षा सचिव को बदलने और अध्यापकों की जायज मांगों को पूरा करने की मांग की।
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
अध्यापक संघर्ष कमेटी के आह्वाहन पर अध्यापकों ने वीरवार को वेतन कटौती व टर्मिनेशन के विरोध में पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। करीब पांच सौ से अधिक अध्यापकों ने पहले डीसी कार्यालय के बाहर धरना दिया, फिर भारत नगर चौक पर पंजाब सरकार का पुतला फूंका। इस मौके पर उन्होंने शिक्षा सचिव को बदलने और अध्यापकों की जायज मांगों को पूरा करने की मांग की। सबसे पहले अध्यापकों ने दोपहर साढ़े तीन से पांच बजे तक डीसी ऑफिस में धरना दिया। इसके बाद पैदल मार्च करते हुए वे भारत नगर चौक पर पहुंचे। यहां अध्यापक चारों दिशाओं में सड़क के बीचों बीच बैठ गए, जिससे करीब बीस मिनट तक यातायात बाधित रहा। वाहनों की लंबी कतारें लग गई। मौके पर मौजूद पुलिस विभाग के अफसरों व ट्रैफिक मुलाजिमों ने अध्यापकों से सड़क यातायात बाधित न करने की अपील की, लेकिन आक्रोशित अध्यापकों ने उनकी एक नहीं सुनी और शाम छह बजे तक पंजाब सरकार का पुतला फूंकने तक वे डटे रहे। इस मौके पर गुरमेल ¨सह, हर¨जदर ¨सह, गुरजैपाल ¨सह, वीरपाल ¨सह, राजबीर ¨सह, राकेश कुमार व अन्य मौजूद थे।
शिक्षा मंत्री ने एक वायदा पूरा नहीं किया
अध्यापकों को संबोधित करते हुए हर¨वदर बिलगा, परमजीत मान, जगदीप जौहल, प्रवीण कुमार, धर्म ¨सह, जगजीत ¨सह ने कहा कि शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने सार्वजनिक तौर पर 5178 अध्यापकों को रेगुलर करने, वॉलंटियरों के वेतन में पंद्रह सौ रूपये की वृद्धि करने और वेतन कटौती के फैसले को रिव्यू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अफसोस कि डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षा मंत्री ने एक भी वायदा तो पूरा नहीं किया, इसके विपरीत संघर्ष कर रहे पांच अध्यापकों की सेवाएं खत्म करवा दी। इसी वजह से अध्यापकों में रोष है।
शिक्षा को कॉरपोरेट घरानों के हाथों देने जा रही सरकार
पंजाब सरकार उदारवादी नीतियों के तहत सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करके शिक्षा को कॉरपोरेट घरानों के हाथों में देने की नीतियां अपना रही है। सरकार लोक विरोधी नीतियों के खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने के लिए घटिया हथकंडे अपना रही है, जिसे अध्यापक कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अध्यापकों ने चेतावनी दी कि यदि शिक्षा मंत्री ने अध्यापकों के साथ किए वायदों को पूरा नहीं किया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने शिक्षा सचिव को बदलने की भी मांग की।