आरएमसी फॉर्मूला करेगा विद्यार्थियों को तनाव मुक्त
माता-पिता की उम्मीदें हों या फिर दोस्तों के साथ का कंपीटिशन ब'चों में स्ट्रेस पैदा कर रहे हैं। ब'चे माता पिता के सपनों को साकार करने व दोस्तों से आगे निकलने की होड़ में खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। इसके बावजूद परीक्षाओं में बेहतरीन परिणाम न आने से ब'चे डिप्रेशन में आ रहे हैं और यहां तक कि सुसाइड तक कर रहे हैं।
राजेश भट्ट, लुधियाना
माता-पिता की उम्मीदें हों या फिर दोस्तों के साथ का कंपीटिशन बच्चों में स्ट्रेस पैदा कर रहे हैं। बच्चे माता पिता के सपनों को साकार करने व दोस्तों से आगे निकलने की होड़ में खुद के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। इसके बावजूद परीक्षाओं में बेहतरीन परिणाम न आने से बच्चे डिप्रेशन में आ रहे हैं और यहां तक कि सुसाइड तक कर रहे हैं। अब बच्चों को स्ट्रेस फ्री करने के लिए शिक्षा विभाग ने रिलेक्सेशन, मोटिवेशन एंड कांफिडेंस (आरएमसी) फॉर्मूला निकाला है। टीचर्स इसी फॉर्मूले से बच्चों को स्ट्रेस से बाहर निकालने में मदद करेंगे। शिक्षा विभाग इसके लिए स्कूलों में स्पेशल लेक्चर करवा रहा है, जिसमें बच्चों के साथ-साथ टीचर्स भी हिस्सा ले रहे हैं। शिक्षा विभाग ने ब्लॉक स्तर पर मेंटर तैयार किए हैं जिन्हें यह ट्रेनिंग दी गई है कि बच्चों को किन-किन तरीकों से स्ट्रेस से बाहर निकाला जा सकता है। वहीं अब स्कूलों में जाकर बच्चों व टीचर्स को स्ट्रेस मैनेजमेंट के गुर बता रहे हैं। मनोचिकित्सकोका मानना है कि स्ट्रेस फ्री होने के लिए सबसे पहले रिलेक्स होना जरूरी है। अब बच्चा रिलेक्स होगा तो उसके दिमाग पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा तो उसे आसानी से किसी भी काम के लिए मोटिवेट किया जा सकता है। जैसे-जैसे बच्चा मोटिवेट होगा, उसमें आत्म विश्वास बढ़ता जाएगा। इस फॉर्मूले के तहत टीचर्स खुद ही क्लास में बच्चों को आराम देगा और उस दौरान उससे सिलेबस से हटकर बातें करेगा। इसी दौरान टीचर्स बच्चों को कुछ किस्से व कहानियां सुनाकर मोटिवेट करेंगे। यह फॉर्मूला सरकारी स्कूलों के छठीं से 12वीं तक के बच्चों पर उपयोग किया जाएगा।
अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करवाएंगे
शिक्षा विभाग की ब्लॉक मेंटर रमनीक बाला ने बताया कि टीचर्स बच्चों को स्ट्रेस फ्री करने के लिए ऐसी गतिविधियां करवाएंगे, जिससे बच्चे व्यस्त रहें और उनके दिमाग में किसी तरह की नकारात्मक सोच पैदा न हो। इसके लिए क्लास में बच्चों के ग्रुप बनाकर उनकी आपस में चर्चा करवाएंगे, जिससे वह अपने विचार व्यक्त कर सकें। बच्चों से गीत, कविताएं बुलवाएं। पेपर रीडिंग करवाएं, ताकि बच्चे समाज में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। उन्होंने बताया कि स्कूलों में लेक्चर का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। बुधवार को उन्होंने कुंदनपुरी स्कूल में लेक्चर दिया।
बच्चों के लिए होगा फायदेमंद
सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल कुंदनपुरी की प्रिंसिपल अनीता गुलाटी ने कहा कि विभाग की यह अच्छी पहल है। इससे बच्चों का स्ट्रेस दूर होगा और वह स्वस्थ्य रहकर पढ़ाई कर सकेंगे। उन्होंने माता पिता से अपील की है कि वह बच्चों पर अपने सपने न थोपें।