Move to Jagran APP

पुण्य और पाप कर्ता हम स्वयं ही हैं : महासाध्वी मीना

लुधियाना में महासाध्वी मीना महाराज ने कहा कि पुण्य और पाप कर्ता हम स्वयं ही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 02:00 AM (IST)
पुण्य और पाप कर्ता हम स्वयं ही हैं : महासाध्वी मीना

संस, लुधियाना : कोकिल कंठी जैन भारती संयम साधिका शासन प्रभाविका दृढ़ संयमी उप-प्रवर्तिनी महासाध्वी गुरुणी मीना महाराज, परम सेवाभावी कर्मठ महासाध्वी मुक्ता महाराज, प्रवचन प्रभाविका मधुर गायिका महासाध्वी समृद्धि महाराज, नवदीक्षित साध्वी उत्कर्ष महाराज ठाणा-4 ने घुमार मंडी नजदीक माल एंक्लेव में शनिवार को विहार किया। इस अवसर पर महासाध्वी मीना महाराज ने नवकार महामंत्र का उच्चारण करते हुए कहा कि पुण्य और पाप कर्ता हम स्वयं ही हैं।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि आज का अच्छा या बुरा कर्म आने वाले कल का पुण्य या पाप है। भगवान महावीर का कर्म सिद्धांत यही कहता है कि सुख-दुख जो मिल रहा है, वह किसी का दिया नहीं है, बल्कि हमारा ही किया है। अत: किसी को दोष मत दो। देवी और देवता भी किसी का भाग्य बदलने में समर्थ नहीं हैं। यदि किसी का पुण्योदय हो तो भले ही वे निमित्त कारक बन जाए, पर किसी के भाग्य बदलने या बनाने की सामर्थता देव में भी नहीं है। उत्तर प्रदेश के काधला कस्बे की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने कई दिन तक लक्ष्मी की उपासना की। लक्ष्मी प्रकट होकर बोलीं, मैं धन की देवी हूं। धन का पहाड़ तैयार कर सकती हूं, पर अभी तुम्हारा अंतराय कर्म उदय है। वह धन तुम्हें दे भी दूं, पर वह तुम्हारे काम नहीं आएगा।

इस अवसर पर कीमती लाल जैन व राजेश जैन बॉबी ने कहा कि गुरुओं के चरण घर के आंगन में आना पुण्य कर्मो का मेल है। उनके आने से अलग ही सुकून व शांति मिली है। उनकी कृपा हमेशा हमारे परिवार पर बनी रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.