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आत्म कल्याण का पथ है संथारा: मुनि भूपेंद्र

जैन श्रावक और जैन मुनि के लिए आत्म कल्याण का पथ है संथारा यह एक आत्म कल्याण का सर्वोत्तम साधन है। संथारा का मतलब आत्महत्या करना नहीं है संथारे का मतलब है स्वयं अपनी इच्छा से भोजन पानी का परित्याग कर देना जिसमें न तो किसी के प्रति द्वेष की भावना मन में होती है और न ही राग की भावना केवल आत्म कल्याण की भावना के कारण है। यह संथारा आज जैन धर्म का सर्वोत्तम कल्याण का मार्ग बन गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 06:55 PM (IST)
आत्म कल्याण का पथ है संथारा: मुनि भूपेंद्र
आत्म कल्याण का पथ है संथारा: मुनि भूपेंद्र

संस, लुधियाना : जैन श्रावक और जैन मुनि के लिए आत्म कल्याण का पथ है संथारा, यह एक आत्म कल्याण का सर्वोत्तम साधन है। संथारा का मतलब आत्महत्या करना नहीं है, संथारे का मतलब है स्वयं अपनी इच्छा से भोजन पानी का परित्याग कर देना, जिसमें न तो किसी के प्रति द्वेष की भावना मन में होती है और न ही राग की भावना केवल आत्म कल्याण की भावना के कारण है। यह संथारा आज जैन धर्म का सर्वोत्तम कल्याण का मार्ग बन गया है। ये विचार मुनि भूपेंद्र कुमार, मुनि पदम कुमार की अगुआई में पाली जिले गढ़वाला के श्रावक लक्ष्मी चंद कांकरिया के संथारा सानंद संपन्न के दौरान कहीं। गत शुक्रवार को 11:45 बजे गुरुदेव ने श्रावक लक्ष्मी चंद कांकरिया को तीविहार संथारे का प्रत्यक्षण शुक्रवार को करवाया गया था। आज प्रात: काल उनका संथारा सानंद संपन्न हो गया है।

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मुनि भूपेंद्र कुमार ने अपनी प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा जो साधक आत्म बल के साथ में ऐसे व्रत को स्वीकार करता है। उसके साधना अवश्य ही परिवार के लिए बहुत ही ज्यादा प्रेरणा प्रदान करने वाली बन जाती है। इससे पहले रात्रिकालीन समय तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल व तेरापंथ सभा के द्वारा लक्ष्मी लाल के घर पर संगीत संध्या का भी आयोजन उत्सव पूर्वक किया। उन्होंने बहुत ही उत्साह के साथ के अंदर जो संथारा स्वीकार किया था और वह संथारा सानंद संपन्न हो जाना, यह भी अपने आपके अंदर बहुत ही महत्वपूर्ण बात है। उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्मी दास का जीवन हमारे सब के लिए नई प्रेरणा प्रदान करने वाला बनता चला जाएगा। हमें मंगल कामना करें, लक्ष्मी लाल जी की आत्मा जहां कहीं पर भी है। वह अपने अंतिम मंजिल को प्राप्त करके हमेशा हमेशा के लिए साश्वत सुखों की ओर अग्रसर बनेगी।


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