प्रत्येक प्राणी पर दयाभाव रखना मनुष्य का धर्म : साध्वी रत्न संचिता
रविवार की सभा में साध्वी रत्न संचिता म. ने कहा कि अहिसा परर्मो धर्म एवं जीओ और जीने दो की सदभावना लेकर जैन दर्शन जैन धर्म चल रहा है।
संस, लुधियाना : वर्तमान आचार्य सम्राट ध्यान योगी, गुरुदेव डा. श्री शिव मुनि म. सा. की आज्ञानुवर्तिनी जैन गगन चंद्रिका महासाध्वी चंदा जी म. की बगिया के महकते पुष्प समता विभूति तपचंद्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी वीणा महाराज, नवकार आराधिका श्री सुनैन्या म.सा., प्रवचन प्रभाविका भास्कर संचिता महाराज म.सा., महासाध्वी अरणवी म., नवदीक्षित श्री अर्शिया म. ठाणा-5 सिविल लाइंस जैन स्थानक में सुखसाता विराजमान है। रविवार की सभा में साध्वी रत्न संचिता म. ने कहा कि अहिसा परर्मो धर्म एवं जीओ और जीने दो की सदभावना लेकर जैन दर्शन, जैन धर्म चल रहा है। हर जीवात्मा में परमात्मा का अंश है। हमें प्रत्येक प्राणी पर प्रेमभाव, करुणा भाव, दयाभाव रखना चाहिए। महापुरुषों ने हमारे जीवन को पावन बनाने के लिए उज्जवल बनाने के लिए सन्मार्ग पर आरोहण करने के लिए बडे़ सरल शब्द समझाए है। दया धर्म का मूल है। पाल मूल अभिमान तुलसी दया ना छोड़िये, जब लग घट में प्राण। इस अवसर पर सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन ने कहा कि जैन स्थानक सिविल लाइंस के महावीर भवन में अखंड महाजाप का पाठ आरंभ हो गया। इस पाठ में श्रावक श्राविकाएं भाग लेकर धर्म की अग्रसर रहने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करे। इस अवसर पर सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, रविदर जैन भ्राता, रजनीश जैन गोल्ड स्टार, विनोद जैन गोयम, महावीर जैन युवक संघ अध्यक्ष संजय जैन आदि शामिल थे।