भगवान से सदा डर कर रहो: अतिशय मुनि
संस लुधियाना संघशास्ता गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य प्रवचन प्रभावक गुरुदेव मुकेश मुनि महाराज ठाणा-4 एस एस जैन स्थानक 39 सेक्टर चंडीगढ़ रोड़ में विराजमान है।
संस, लुधियाना: संघशास्ता गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य प्रवचन प्रभावक गुरुदेव मुकेश मुनि महाराज ठाणा-4 एस एस जैन स्थानक 39 सेक्टर चंडीगढ़ रोड़ में विराजमान है। इस अवसर पर सरलमना पाल मुनि महाराज ने प्रवचन करते फरमाया कि गम खाना सीखो। गम खाने वाला सदा महान होता है। सुनने की आदत डालो, क्योंकि दुनिया में कहने वालों की कमी नहीं है। कड़वे घूंट पी-पीकर जीने और मुस्कुराने की आदत बना लो। क्योंकि दुनियां में अब अमृत की मात्रा बहुत कम रह गई है। अपनी बुराई सुनने की खुद में हिम्मत पैदा करो। क्योंकि लोग तुम्हारी बुराई करने से बाज नहीं आएंगे। आलोचक बुरा नहीं है। वह तो जिदगी के लिए साबुन पानी का काम करता है। जिदगी की फिल्म में एक खलनायक भी तो जरुरी है। गली में दो चार सूअर हो तो गली साफ रहती है। गुरु अचल शिष्य मधुर वक्ता श्री अतिशय मुनि महाराज ने फरमाया कि एक शिष्य गुरु के चरणों में विनती करता है कि गुरुदेव कुछ कृपा करो। तो गुरु ने चार रत्न शिष्य की झोली में डाले। पहला रत्न लज्जा। घर समाज एवं गुरु की मर्यादा में रहें। इससे पापों से बचाव होता है। राणा प्रताप भी कहा करते है कि मैं किसी से नहीं डरता, केवल दो व्यक्तियों से डरता हूं। बड़ों की लाज रखोगे तो वो ही तुम्हारी लाज रखेंगे। आज समाज में छोटे बडे़ की शर्म बढ़ते पैसे ने खत्म कर दी। शर्म क्यों खत्म हो रही है। कारण आज टीवी, इंटरनेट ने शर्म खत्म कर डाली। जिससे आचार व्यवहार चारित्र बिगड़े, उससे बचना ही लज्जा है। खानदानी व्यक्ति कौन होता है? जिसे अपनी भूल नजर आती हो व जिसकी आंखों में शर्म हो।