बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के कोई भी अवैध कॉलोनी नहीं होगी रेगुलर
दैनिक जागरण की मुहिम के बाद पंजाब सरकार भी सूबे में लगातार गिर रहे भू-जल स्तर को लेकर गंभीर होती दिख रही है। कॉलोनी रेगुलराइजेशन पॉलिसी में सरकार ने नया प्रावधान जोड़ दिया है, जो कहीं न कहीं गिरते भू-जल स्तर में सुधार करने में सहायक सिद्ध होगा।
राजेश भट्ट, लुधियाना
दैनिक जागरण की मुहिम के बाद पंजाब सरकार भी सूबे में लगातार गिर रहे भू-जल स्तर को लेकर गंभीर होती दिख रही है। कॉलोनी रेगुलराइजेशन पॉलिसी में सरकार ने नया प्रावधान जोड़ दिया है, जो कहीं न कहीं गिरते भू-जल स्तर में सुधार करने में सहायक सिद्ध होगा। नई पॉलिसी के हिसाब से बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के कोई भी अवैध कॉलोनी रेगुलर नहीं होगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कॉलोनाइजर को कॉलोनी रेगुलर करवानी है तो उन्हें रेन वाटर रिचार्ज वेल बनाना होगा। पंजाब सरकार ने शुक्रवार को अवैध कालोनियों व उनमें बनी बिल्डिंगों व प्लाटों को रेगुलर करने के लिए नई पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी किया है। इस पॉलिसी के हिसाब से नगर निगम क्षेत्र और निगम क्षेत्र से बाहर की अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने का मौका दिया जाएगा। शहरी योजना एवं विकास विभाग की तरफ से जारी पॉलिसी में साफ कर दिया गया है कि अगर कॉलोनाइजरों ने चार माह के अंदर अपनी कॉलोनियां रेगुलर नहीं करवाई तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। विभाग की तरफ से इस पॉलिसी में शर्ते बेहद नरम रखी गई हैं ताकि सभी कॉलोनाइजर कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए आगे आएं। सीधे करवा सकेंगे प्लाट रेगुलर
पहले पॉलिसी में था कि जब तक कॉलोनाइजर कॉलोनी रेगुलर नहीं करवाता है तब तक प्लाट रेगुलर नहीं किया जा सकता, लेकिन नई पॉलिसी के हिसाब से प्लाट होल्डर अपना प्लाट और मकान को रेगुलर करवा सकता है। इसके लिए वह खुद ग्लाडा या निगम में आवेदन कर सकेगा। इससे अवैध कालोनियों में बने मकानों और प्लाट होल्डरों को भारी राहत मिली। क्या है पॉलिसी
पॉलिसी के मुताबिक अगर मकान 250 वर्ग गज से कम जगह में बना है तो उसे रेगुलर करवाने के लिए मकान मालिक को मकान का नक्शा किसी आर्किटेक्ट या सिविल इंजीनियर से अप्रूव करवाकर जमा करवाना होगा। अगर 250 या इससे ज्यादा वर्ग गज में हो तो इसके लिए उन्हें आर्किटेक्ट से नक्शा और स्ट्रक्चर इंजीनियर से सेफ्टी सर्टिफिकेट बनवाना होगा।
चार कैटेगिरी में बांटी कॉलोनियां
जिन कॉलोनियों में 25 फीसद तक प्लाट बिके हों, उन्हें कॉलोनी का प्लान दोबारा बनाना होगा। इन कॉलोनियों में कम से कम 30 फीट की गलियां, पांच फीसद हिस्सा पार्को के लिए, ट्यूबवेल, एसटीपी और अन्य उपयोग के लिए जगह छोड़नी होगी।
-जिन कॉलोनियों में 25 से 50 फीसद तक प्लाट बिक चुके हैं उन कॉलोनियों में कम से कम 20 फीट की गलियां व 3 फीसद हिस्सा पार्क के लिए छोड़ना पड़ेगा। ट्यूबवेल के लिए 100 वर्ग गज, एसटीपी के लिए कम से कम 150 वर्ग गज और अन्य प्रयोग के लिए 150 वर्ग गज जगह छोड़नी होगी।
जिन कॉलोनियों में 50 फीसद से अधिक प्लाट बिक चुके हैं उन कॉलोनियों में कम से कम 18 फीट की गलियां, ट्यूबवेल के लिए 100 वर्ग गज, एसटीपी के लिए कम से कम 150 गज और अन्य प्रयोग के लिए 100 गज जगह छोड़नी होगी।
जो कॉलोनियां 75 फीसद से अधिक बन चुकी हैं उनको ट्यूबवेल के लिए 100 वर्ग गज, अन्य यूज के लिए 200 वर्ग गज जगह छोड़नी होगी। बाक्स
कुल अवैध कालोनियां
ग्लाडा के अधीन क्षेत्र में लुधियाना में बनी कुल अवैध कालोनियां : 1430
नगर निगम क्षेत्र में बनी अवैध कालोनियां: 110 बाक्स
ऐसे काम करता है रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
इसके लिए एक टैंक बनाया जाता है और उसे तीन अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाता है। पहले हिस्से में पत्थर डाले जाते हैं उसमें से बरसात का पानी छन कर दूसरे हिस्से में जाता है। दूसरे हिस्से में रेत रखी होती है। रेत में से सभी अशुद्धियां साफ होने के बाद पानी तीसरे हिस्से में जाता है। उस हिस्से में बोर करके पाइप डाला जाता है जिससे पानी जमीन के नीचे चला जाता है। माय सिटी माय प्राइड में उठा था मुद्दा
दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड मुहिम में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए जाने का मुद्दा उठाया गया था। राउंड टेबल कांफ्रेंस के बाद ओपन फोरम में भी शहरवासियों ने इस मुद्दे को उठाया था और दैनिक जागरण ने शहर के प्रमुख 11 मुद्दों में इसे शामिल किया। पॉलिसी बहुत ही बेहतर है: लांबा
प्रॉपर्टी डीलर एंड कॉलोनाइजर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव गुरविंदर सिंह लांबा ने भी इस पॉलिसी को बेहतर बताया और कहा कि नई पॉलिसी में सरकार ने उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है। सोमवार को अधिसूचना पर होगी चर्चा
सरकार ने कॉलाोनियों को रेगुलर करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सोमवार को अधिसूचना पर चर्चा की जाएगी। उसके बाद कॉलोनी रेगुलराइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
सोनम चौधरी, स्टेट ऑफिसर ग्लाडा