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कॉलोनाइजर नहीं दिखा रहे अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने में दिलचस्पी

पंजाब सरकार ने 18 अक्टूबर को अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए नई पॉलिसी जारी की और कॉलोजनाइजरों को कॉलोनी रेगुलर करने के लिए चार माह का वक्त दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 06:30 AM (IST)
कॉलोनाइजर नहीं दिखा रहे अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने में दिलचस्पी
कॉलोनाइजर नहीं दिखा रहे अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने में दिलचस्पी

राजेश भट्ट, लुधियाना

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पंजाब सरकार ने 18 अक्टूबर को अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के लिए नई पॉलिसी जारी की और कॉलोजनाइजरों को कॉलोनी रेगुलर करने के लिए चार माह का वक्त दिया। पॉलिसी जारी हुए लगभग दो महीने हो गए हैं, लेकिन इस दौरान ग्रेटर लुधियाना डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) में अभी सिर्फ दो कॉलोनियों को रेगुलर करने के आवेदन जमा हुए हैं, जिससे साफ है कि कॉलोनाइजर कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि कॉलोनाइजर कॉलोनियों को रेगुलर करने की जटिल प्रक्रिया को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं प्लाट होल्डर अपने प्लाटों को रेगुलर करवाने के लिए काफी चिंतित हैं और रोजना ग्लाडा दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। ग्लाडा में अब तक 500 के करीब प्लाटों को रेगुलर करने के आवेदन पहुंचे हैं। ग्रेटर लुधियाना डेवलपमेंट अथॉरिटी के रिकार्ड में 1920 अवैध कॉलोनियां हैं, जबकि इससे कहीं ज्यादा अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं जिनके बारे में ग्लाडा अफसरों को पता ही नहीं है। ग्लाडा अफसरों को उम्मीद थी कि नई पॉलिसी आने के बाद कॉलोनाइजर भारी संख्या में अपनी कॉलोनियों को रेगुलर करवाने के लिए पहुंचेंगे, लेकिन अफसरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया और दो माह में सिर्फ दो ही आवेदन आए हैं। अफसर लगातार कॉलोनाइजरों से इसके लिए संपर्क कर रहे हैं ताकि निर्धारित तिथि 18 फरवरी तक अधिक से अधिक कॉलोनियों को रेगुलर किया जा सके। वहीं प्लाट होल्डरों ने अपने प्लाट रेगुलर करवाने के लिए अपने आवेदन जमा करने शुरू कर दिए। अब तक 500 से अधिक आवेदन ग्लाडा के पास पहुंच चुके हैं। जटिल प्रक्रिया की वजह से भाग रहे कॉलोनाइजर

कॉलोनाइजरों की मानें तो सरकार ने पॉलिसी बनाते वक्त उनकी पूरी सलाह ली, जिसकी वजह से पॉलिसी बेहद आसान बनाई गई। लेकिन पॉलिसी लागू करने की प्रक्रिया को अफसरों ने इतना जटिल बना दिया कि कॉलोनाइजर उसी में फंसकर रह गए। पंजाब कॉलोनाइजर एंड प्रॉपर्टी डीलर एसोसिएशन के महासचिव गुरविंदर सिंह लांबा ने बताया कि बैक में ऑनलाइन आवेदन जमा करवाने में बेहद दिक्कतें आ रही हैं। क्योंकि बैंक कर्मियों को इस बारे में जानकारी नहीं है। इसके अलावा वहां पर डॉक्यूमेंट की स्कैन करने में बहुत वक्त लग रहा है। उन्होंने बताया कि फाइल जमा करवाने के लिए ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफ लाइन की ऑप्शन भी होनी चाहिए, ताकि आवेदन करने में आसानी रहे। इसके अलावा कई तरह की दिक्कतें इस प्रक्रिया में है, जिसकी वजह से कॉलोनाइजर आवेदन नहीं कर पा रहे।

मंत्री ने की अफसरों व कॉलोनाइजरों के साथ बैठक

कॉलोनाइजरों की दिलचस्पी न दिखाने की वजह से पॉलिसी फेल न हो जाए इसके लिए शहरी विकास मंत्री तृप्त रजिंदर बाजवा ने ग्लाडा समेत सभी डवलपमेंट अथॉरिटीज के अफसरों व कॉलोनाइजर एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में कॉलोनाइजरों ने अपनी समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया। जिस पर मंत्री ने अफसरों को हिदायतें दी हैं कि इस प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। नगर निगम में भी आने लगे आवेदन

नगर निगम के रिकार्ड में 110 अवैध कॉलोनियां हैं। इसके अलावा काफी संख्या में अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं जिनके बारे में निगम अफसरों को पता ही नहीं है। लेकिन अब नगर निगम में अवैध कॉलोनियों को रेगुलर करने के आवेदन आने लग गए हैं। जोन ए में तीन और जोन सी में दो कॉलोनियों को रेगुलर होने के आवेदन आ चुके हैं।

कॉलोनाइजरों को आवेदन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, लेकिन अभी अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा है। अभी तक सिर्फ दो लोगों ने आवेदन किया है। वहीं प्लाट होल्डर जरूर उनके पास आ रहे हैं।

सोनम चौधरी, एस्टेट अफसर ग्लाडा


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