NGT की टीम ने छह पेपर मिलों पर मारे छापे; दो बंद मिलीं, चार से लिए सैंपल Ludhiana News
एनजीटी की टीम ने चारों पेपर मिलों के डिस्चार्ज होने वाले पानी के सैंपल भरे। इन सैंपलों की जांच अब एनजीटी के अफसर अपनी देख-रेख में करवाएंगे।
लुधियाना, जेएनएन। प्रदूषण फैलाने वालों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मॉनिटरिंग कमेटी ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। डाइंग यूनिटों के अलावा पेपर मिलों का गंदा पानी भी दरिया के साथ भू-जल को प्रदूषित कर रहा है। एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रितपाल सिंह ने संत बलबीर सिंह सींचेवाल समेत अन्य सदस्यों के साथ गौंस गढ़ की छह पेपर मिलों में छापा मारा। इस दौरान दो पेपर मिल बंद मिलीं, जबकि चार पेपर मिलों में भी स्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई।
इसके बाद एनजीटी की टीम ने चारों पेपर मिलों के डिस्चार्ज होने वाले पानी के सैंपल भरे। यही नहीं टीम को शक हुआ कि पेपर मिल वाले पानी बिना ट्रीट किए जमीन के अंदर डाल रहे हैं, तो टीम ने गौंस गढ़ के आसपास के क्षेत्रों से ग्राउंड वाटर के सैंपल भी लिए। इन सैंपलों की जांच अब एनजीटी के अफसर अपनी देख-रेख में करवाएंगे। जस्टिस प्रितपाल सिंह व कमेटी के सदस्यों ने पेपर मिल मालिकों व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को साफ कह दिया है कि सैंपलों की रिपोर्ट फेल आई तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
मॉनिटरिंग कमेटी का गठन
एनजीटी ने सतलुज में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के लिए जस्टिस प्रितपाल सिंह के नेतृत्व में एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है। यही कमेटी बुड्ढा दरिया पर भी नजर बनाए हुए है। जस्टिस प्रितपाल सिंह के नेतृत्व में टीम चंडीगढ़ से लुधियाना पहुंची और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों के साथ गौंसगढ़ पहुंची। कमेटी के पास शिकायत पहुंची थी कि गौंसगढ़ की पेपर मिलें पानी बिना ट्रीट किए हुए जमीन के अंदर डाल रही हैं, जिस वजह से भूजल प्रदूषित हो रहा है। टीम ने गौंसगढ़ की छह पेपर मिलों पर छापेमारी की, जिसमें से चार पेपर मिलों में कई तरह की खामियां सामने आई। जिसके बाद टीम ने पानी के सैंपल भरवाए। इसके अलावा गौंसगढ़ के आसपास के इलाकों में भी टीम ने जमीन से निकाले जाने वाले पानी के सैंपल भरवाए।
मामले को एनजीटी के सामने रखेंगे : सींचेवाल
एनजीटी मॉनिटरिंग टीम के सदस्य व पर्यावरण विद संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने बताया कि जिन चार पेपर मिलों की जांच की गई, उनमें काफी तरह की अनियमितताएं थी, जिस वजह से सैंपल भरे गए। उन्होंने बताया कि सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद इस पूरे मामले को एनजीटी के सामने रखा जाएगा। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। टीम में पूर्व चीफ सेक्रेटरी सुबोध अग्रवाल, बाबू राम व अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
बुड्ढा दरिया से भी लिए पानी के सैंपल
कमेटी के सदस्यों ने ग्राउंड वाटर के सैंपल लेने के साथ-साथ बुड्ढा दरिया से भी पानी का सैंपल लिया, ताकि यह पता चल सके कि कहीं मिल वाले सीवर या अन्य तरीकों से केमिकल युक्त पानी दरिया में तो नहीं गिरा रहे। संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने कहा कि मिल के अंदर से लिए पानी के सैंपल, ग्राउंड वाटर व बुड्ढा दरिया से लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट से साफ हो जाएगा कि मिल मालिक आखिर पानी कहां गिरा रहे हैं।
जिस एरिया में दरिया प्रदूषित होगा, वहां के अफसरों पर होगी कार्रवाई
कमेटी के चेयरमैन जस्टिस प्रितपाल सिंह व संत बलबीर सिंह सींचेवाल ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों की कारगुजारी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने अफसरों को कहा कि अगर वह सख्ती से काम करते तो मिल मालिक इस तरह मनमानी नहीं करते। कमेटी के चेयरमैन ने अफसरों को साफ कह दिया कि प्रदूषण फैलाने वालों के साथ-साथ पीपीसीबी के उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिनके एरिया में नियमों की अनदेखी हो रही होगी। इसलिए अफसर अब अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेंगे।
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