शिअद को मजबूत करने में टकसाली नेताओं का बड़ा योगदान : सुखबीर
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान स्वर्गीय जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी की चौथी पुण्यतिथि पर पार्टी के टकसाली नेता याद आ ही गए।
जेएनएन, रायकोट : पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान स्वर्गीय जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी की चौथी पुण्यतिथि पर पार्टी के टकसाली नेता याद आ ही गए। यहां जत्थेदार तलवंडी को श्रद्धासुमन भेंट करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिअद को मजबूती देने में टकसाली अकाली नेताओं का बड़ा योगदान है। उन्होंने जत्थेदार तलवंडी सहित कुलदीप सिंह बडाला, जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा, संत हरचंद सिंह लौंगोवाल के नाम लेते हुए कहा कि अकाली दल को खड़ा करने में इन टकसाली नेताओं के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अकाली दल का इतिहास कुर्बानियों से भरा है और अकाली वर्कर कांग्रेस की धक्केशाही का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने धक्केशाही करने वाले पुलिस अधिकारियों को चेताया कि अकाली सरकार आने पर उन सभी अधिकारियों की जांच की जाएगी, जो इस समय कांग्रेस नेताओं के कहने पर अकालियों पर अत्याचार कर रहे है। इस दौरान बादल ने जत्थेदार तलवंडी के बड़े बेटे रंजीत सिंह तलवंडी को अकाली दल का महासचिव बनाने का भी ऐलान किया। इससे पहले अपने संबोधन में जत्थेदार तलवंडी के बेटे रंजीत सिंह तलंवडी ने कहा कि पार्टी की अंदरूनी कमजोरियों के कारण ही आज पाटी को ये दिन देखने पडे़ हैं। उन्होंने कहा कि पाटी को मजबूती प्रदान करने के लिए पार्टी के टकसाली नेताओं को आगे लाना चाहिए।
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही पंजाब एवं पंजाबियों के साथ सौतेला सलूक ही किया है। अब कांग्रेस फिर से पंजाब को भारी मारू जंग में धकेल रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिख पंथ की दुश्मन पार्टी है, जिसने पहले दरबार साहिब में हमला करवाया और बाद में सिख कत्लेआम करवाया। उन्होंने कहा कि जत्थेदार तलवंडी एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने पंजाब के सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्र में बेमिसाल कार्य करते हुए नए कदम उठाए। जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी ने अकाली दल के प्रधान, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी के प्रधान, लोकसभा सदस्य और विधानसभा सदस्य के रूप में एक सरगर्म और निर्मित भूमिका निभाई। ऐतिहासिक पंजाबी राज्य मोर्चा, इमरजेंसी, धर्मयुद्ध और अन्य मोर्चो के दौरान जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी द्वारा डाले बहुमूल्य योगदान और रणनीतियों में निभाई अग्रणीय भूमिका को याद करते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि जत्थेदार तलवंडी एक निडर शख्सियत थे। उन्होंने कभी पंजाब और पंथ के हितों से कोई समझौता नहीं किया।
जत्थेदार तोता सिंह ने जत्थेदार तलवंडी को दूर अंदेश राजनीतिज्ञ बताते हुए कहा कि पंजाब और राज्य वासियों के हित में अहम फैसले लेते समय उन्होंने हिचकिचाहट महसूस नहीं की। पंजाब में किसी भी संकट की घड़ी में जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी ने हर पक्ष से आगे होकर संघर्ष की अगुवाई करते हुए लोगों के हितों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि लौहपुरुष जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने जरूरतमंदों, गरीबों और समाज के कमजोर वर्गो के कल्याण के लिए बड़ी शिद्दत से कार्य किया। उन्होंने कहा कि जत्थेदार तलवंडी का जीवन और संघर्ष आने वाली पीढि़यों के लिए हमेशा मार्ग दर्शक का कार्य करेगा। इस अवसर पर पंजाब विधानसभा के पूर्व स्पीकर डॉ. चरणजीत सिंह अटवाल, सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी एक लीडर के रूप में जाने जाते रहेंगे। उन्होंने हर संकट की घड़ी में स्वयं आगे होकर पार्टी का योग्य नेतृत्व किया। मौके पर शिरोमणि कमेटी के सदस्य जत्थेदार जगजीत सिंह तलवंडी, इंदरइकबाल सिंह अटवाल, दर्शन सिंह शिवालिक, हीरा सिंह गाबडि़या, संता सिंह उमैदपुरी, अमनदीप सिंह गिल, मनप्रीत सिंह तलवंडी, प्रभजोत सिंह धालीवाल, गुरमेल सिंह आंडलू, इन्द्रजीत सिंह गोंदवाल, चंद सिंह डल्ला, गुरशरण सिंह बडूंदी, डॉ. हरपाल सिंह ग्रेवाल, डॉ. अशोक शर्मा, अमरजीत सिंह साहिबजपुरा, गुरचीन सिंह रत्तोवाल, प्रधान सलिल जैन, बूटा सिंह छापा आदि के अलावा बड़ी संख्या में इलाका निवासी मौजूद थे।