कम वोटिंग से इस बार बिगड़ सकता है जीत का गणित, रोचक हुआ मुकाबला
लोकसभा चुनाव में इस बार कम हुई वोटिंग से जीत का सपना पाले बैठे उम्मीदवारोंं का गणित गड़बड़ा गया है।
भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। लोकसभा चुनाव में इस बार कम हुई वोटिंग से जीत का सपना पाले बैठे उम्मीदवारोंं का गणित गड़बड़ा गया है। मतदान से पांच दिन पहले तक लुधियाना में अलग समीकरण थे, जबकि मतदान के दिन यहां मुकाबला रोचक हो गया। पिछले साल 11 लाख 1 हजार 906 लोगों ने वोट डाले थे और इस बार यह संख्या 10 लाख 44 हजार 747 पर पहुंच गई। यानी इस बार 1 लाख 42 हजार 842 वोट कम पड़े। सिर्फ लुधियाना पूर्वी में 6,776 मत ज्यादा पड़े, लेकिन यहां के प्रतिशत पर नजर दौड़ाई जाए तो वह पिछले चुनाव के मुकाबले कम ही हैं। शेष आठ विधानसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कम मतदान हुआ।
खासकर दाखा और जगराओं पर सभी दलों की नजरें थीं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने वाले आप के एचएस फूलका के वोट बैंक पर इस बार तीनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की नजर थी। पिछले चुनाव में फूलका ने इन दो विधानसभा क्षेत्रों से एक लाख से ज्यादा मत हासिल किए थे, जबकि शिअद ने लगभग 67 हजार, कांग्रेस ने लगभग 53 हजार और बैंस ने 15 हजार ही वोट हासिल किए थे। इस बार फूलका के न उतरने से कांग्रेस, शिअद और लोक इंसाफ पार्टी ने दाखा और जगराओं में जोरदार दम लगाया था। कांग्रेस ने राहुल गांधी की रैली लुधियाना की बजाए दाखा में रखी, ताकि दाखा और जगराओं के मतदाताओं को रिझाया जा सके, लेकिन इस बार यहां 20 हजार वोट कम पडऩे से उम्मीदवारोंं की नींद उड़ गई। खासकर लुधियाना में कांग्रेस के चार विधायक वाले क्षेत्रों में भी मतदान कम हुआ। बैंस के गढ़ वाले आत्म नगर और लुधियाना दक्षिण में भी मतदान कम होने का नुकसान बैंस को हो सकता है। कम वोङ्क्षटग के कारण सभी दलों के माहिर जोड़-घटाव में लगे हैं।
पिछले चुनाव के मुकाबले मतदान का अंतर
2014 -------> 11,01,906 ----> 70.50
2019 -------> 10,44,747 ----> 62.13
विधानसभा 2014 2019 अंतर
पूर्वी 1,19,079 1,25,855 6,776
दक्षिण 95,823 93,453 2,370
आत्म नगर 1,07,287 95,938 11,349
सेंट्रल 1,02,935 95,039 7,896
पश्चिम 1,23,705 1,14,183 9,522
उत्तरी 1,23,959 1,16,390 7,569
गिल 1,70,923 1,66,059 4,864
दाखा 1,35,125 1,24,484 10,638
जगराओं 1,23,070 1,13,346 9,724
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