चौंदा को टिकट देने से तीन दिन पहले किया था दूलो ने आवेदन
मंगलवार को आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाली कांग्रेस की पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलो की पत्नी हरबंस कौर दूलो के हाथ में झाड़ू पकड़ने की सियासत की कड़ियां अब खुलने लगी हैं। आप के नजदीकी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फतेहगढ़ साहिब सीट से बलजिदर सिंह चौन्दा के आप उम्मीदवार घोषित होने से 3 दिन पहले ही हरबंस कौर ने आप टिकट के लिए आवेदन कर दिया था लेकिन चौन्दा की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद हरबंस कौर और उनके समर्थक एक बार शांत होकर बैठ गए थे।
सचिन आनंद, खन्ना
मंगलवार को आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाली कांग्रेस की पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद शमशेर सिंह दूलो की पत्नी हरबंस कौर दूलो के हाथ में झाड़ू पकड़ने की सियासत की कड़ियां अब खुलने लगी हैं।
'आप' के नजदीकी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फतेहगढ़ साहिब सीट से बलजिदर सिंह चौंदा के आप उम्मीदवार घोषित होने से 3 दिन पहले ही हरबंस कौर ने 'आप' से टिकट के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन चौंदा की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद हरबंस कौर और उनके समर्थक एक बार शांत होकर बैठ गए थे।
बताते हैं कि चौंदा के चुनाव प्रचार अभियान से पार्टी खुश नहीं थी। इसके चलते करीब 10 दिन पहले इलाके में आप ने एक सर्वे भी कराया और इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पार्टी की चिता बढ़ गई। सूत्रों के अनुसार दिल्ली के एक विधायक की ड्यूटी आप ने हरबंस कौर से संपर्क साधने की लगाई और हरबंस कौर व मनीष सिसोदिया की दो बैठकें दिल्ली में इस मसले को लेकर हुईं। दो बार टाला गया पार्टी में आना
बताते हैं कि हरबंस कौर दूलो की भले ही आम आदमी पार्टी से डील फाइनल हो गई थी, लेकिन दो बार उन्होंने एक शर्त के कारण पार्टी में शामिल होना टाल दिया। 'आप' की नजदीकी सूत्रों के अनुसार हरबंस कौर और उनके समर्थक चाहते थे कि पार्टी में शामिल करने के साथ ही उनकी टिकट का ऐलान भी किया जाए। पहली बार शनिवार को भगवंत मान और दूसरी बार सोमवार को संगरूर में मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में आप हरबंस कौर को पार्टी में शामिल करना चाहती थी। दूलो की शर्त को देखते हुए ही मंगलवार को जालंधर में आप कैंपेन कमेटी के चेयरमैन अमन अरोड़ा ने हरबंस कौर को पार्टी में शामिल कराने के साथ ही फतेहगढ़ साहिब लोकसभा से उनकी टिकट की घोषणा भी कर दी। खन्ना कांग्रेस में सबसे ज्यादा चिता
खन्ना करीब 40 साल तक दूलो परिवार का गढ़ रहा है। 1980 में शमशेर सिंह दूलो पहली बार खन्ना से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1992 में वे जीतकर कैबिनेट मंत्री बने। 1999 में इसी लोकसभा सीट (पहला नाम रोपड़) से सांसद बने। हरबंस कौर दूलो 2002 में खन्ना से जीतीं तो कैप्टन सरकार में संसदीय सचिव बनीं। हालांकि, 2007 में प्रदेश कांग्रेस प्रधान होते हुए शमशेर सिंह दूलो खन्ना से विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद खन्ना विधानसभा सीट रि•ार्व से जनरल हो गई और पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का परिवार यहां आ गया। हरबंस कौर के आप में जाने से दूलो परिवार सबसे बड़ी सेंध खन्ना कांग्रेस में ही लगा सकता है। इसे लेकर खन्ना कांग्रेस चितित दिखाई दे रही है। खन्ना में जल्द खोलूंगी दफ्तर : हरबंस कौर
आप उम्मीदवार हरबंस कौर दूलो ने कहा कि वे जल्द ही खन्ना में अपना मुख्य चुनाव दफ्तर खोलेंगी। खन्ना से नाता पुराना है। उन्होंने कहा कि पार्टी से बाहरी होने के बावजूद लोगों की सेवा का फल आम आदमी पार्टी ने उन्हें दिया। इसके लिए वे पार्टी की आभारी हैं। हरबंस कौर ने कहा कि वे खन्ना में अपने पुराने वर्करों को एकजुट करने का काम भी जल्द शुरू करेंगी।