बादलों से मोह भंग, तलवंडी जा सकते हैं ढींडसा संग
दिवंगत जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी के बेटे और पूर्व विधायक रणजीत सिंह तलवंडी का बादलों से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है।
सचिन आनंद, खन्ना : कभी अकाली दल के सिरमौर नेताओं में से एक रहे दिवंगत जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी के बेटे और पूर्व विधायक रणजीत सिंह तलवंडी का बादलों से मोह भंग होता दिखाई दे रहा है। तलवंडी खन्ना से शिअद के हलका इंचार्ज भी हैं।
पार्टी के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों से पिछले कुछ समय से बनाई गई दूरी और हाल ही में पार्टी के कृषि अध्यादेश पर स्टैंड के खिलाफ बयान जारी करने के बाद संकेत मिल रहे हैं कि तलवंडी जल्द ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा से हाथ मिला सकते हैं। तलवंडी परिवार का पंजाब की राजनीति में कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिवंगत जत्थेदार जगदेव सिंह तलवंडी शिअद और एसजीपीसी दोनों के प्रधान पदों पर रह चुके हैं।
असल में तलवंडी की अपनी पार्टी से नाराजगी के संकेत पिछले महीने तब मिले जब खन्ना में अपने समर्थकों के बीच उन्होंने केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ बयान जारी कर दिया। इस अध्यादेश का शिअद की तरफ से समर्थन किया गया था, लेकिन पार्टी महासचिव होने के बावजूद तलवंडी ने इसे किसान विरोधी बताया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इसके बाद मंगलवार को प्रदेश में अकालियों द्वारा लगाए गए धरनों के दौरान खन्ना में तीन स्थानों पर धरने लगे, लेकिन हलका इंचार्ज होने के बावजूद तलवंडी किसी भी धरने में शामिल नहीं हुए। तलवंडी की बहन हरजीत कौर ढींडसा के साथ
रणजीत सिंह तलवंडी की बड़ी बहन हरजीत कौर तलवंडी पहले ही बरनाला से ढींडसा के साथ जा चुकी हैं। लुधियाना में जब मंगलवार को ढींडसा ने नई पार्टी का ऐलान किया तो हरजीत कौर ने ही मंच से प्रधान के तौर पर ढींडसा के नाम का प्रस्ताव रखा। रोचक बात यह है कि इस घटनाक्रम का वीडियो क्लिप रणजीत तलवंडी ने व्हाट्सएप के जरिए अपने समर्थकों और मीडिया के लोगों को भेजा था।
पार्टी की नितियां जनहितैषी नहीं रहीं : तलवंडी
फोन पर बातचीत में रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि पार्टी की नितियां अब जनहितैषी नहीं रहीं। पहले ही कईं तरह के दाग पार्टी पर लगे हैं। उस पर कृषि अध्यादेश के समर्थन का फैसला राजनीतिक आत्महत्या के समान है। इससे पार्टी का मजबूत किसान वोट बैंक खिसकना तय है। वे पार्टी प्रधान सुखबीर बादल और अन्य बड़े नेताओं से जल्द मुलाकात कर इन मुद्दों पर अपना पक्ष रखेंगे। ढींडसा के साथ जाने के सवाल पर तलवंडी ने कहा कि वे आला नेताओं से मिलने के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
पार्टी एक जगह धरना लगाती तो जरूरी शामिल होता
धरने में शामिल न होने के सवाल पर उन्होंने कहाकि तीन जगह धरना लगाने से पार्टी की इमेज खराब होती है। इकट्ठा धरना लगाते तो जरूर आता। वीडियो वायरल करने के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी बड़ी बहन ने ढींडसा के नाम का प्रस्ताव रखा था, इसी कारण उन्होंने वीडियो वायरल की थी। वे जो भी सियासी फैसला लेंगें, वह खुलेआम लेंगें।