मैं अपने श्रोताओं व गायकों का ऋणी हूं: तलवंडी
जासं, जगराओं : श्रोता भगवान का रूप होते हैं, क्योंकि आज के दौर में बहुत कम लोग हैं, जो कलमों को प्या
जासं, जगराओं : श्रोता भगवान का रूप होते हैं, क्योंकि आज के दौर में बहुत कम लोग हैं, जो कलमों को प्यार करते हैं। यह कहना है नेशनल व स्टेट अवाडर्ीं गीतकार अमरीक सिंह तलवंडी का। उन्होंने कहा कि जो सम्मान मेरे श्रोताओं ने मुझे दिया है इसका मैं सदा कर्जदार हूं। उन्होंने तहसील जीरा इलाके की ग्रामीण पंचायतों की सराहना करते कहा कि इस गीतकार को एक समय 151 ग्राम पंचायतों ने, जो सम्मान दिया है वो अंतिम समय तक याद रहेगा। उनके लिखे गीतों को कलियों के बादशाह कुलदीप मानक ने आवाज दी थी। उनके लिखे गीतों को कुलदीप मानक, गुरपाल सिंह पाल, सुरिंदर छिंदा, रंजना, दिलशाद अख्तर, अंग्रेज अली, सतपाल किंगरा ने भी गीत गाए थे। आने वाले दिनों में गीतकार तलवंडी के लिखे गीत गायक अंग्रेज अली, दलेर पंजाबी, सुरजीत आलीवाल की आवाज में आ रहे हैं। उन्होंने सभी गायकों व श्रोताओं का धन्यवाद किया। इस मौके पर लखवीर सिंह मल्ला, रणजीत सिंह पप्पू, दविंदरपाल शर्मा, लखवीर सिंह लक्खा, बूटा सिंह, निहाल सिंह मल्ला सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।