जापानी तकनीक से गलतियों को रोकने के लिए लुधियाना की इंडस्ट्री होगी अपग्रेड, अॉनलाइन कंपनियां बताएंगी इनोवेशन
चेंबर अॉफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) की ओर से जापान की तकनीक पोके योके को लेकर एक सेमिनार और कंपीटिशन आयोजित किया जाएगा।
लुधियाना, जेएनएन। गलतियों से ही इंसान सदा कुछ नया सीखता है, लेकिन अगर गलतियां होने से पहले ही इनके बचाव को लेकर प्रयास कर लिए जाएं, तो इंडस्ट्री में रिजेक्शन कम होने से इनपुट कास्ट में भी भारी गिरावट आ जाएगी। इसके साथ अगर मेक इन इंडिया को फोकस करना है, तो जीरो डिफेक्ट पर फोकस करना होगा।
इसी को ध्यान में रखकर चेंबर अॉफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) की ओर से जापान की तकनीक पोके योके को लेकर एक सेमिनार और कंपीटिशन आयोजित किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है।
शनिवार 12 सितंबर को यह कार्यक्रम ऑनलाइन के माध्यम से सुबह 10 से शाम 5.30 बजे तक होगा। इसमें दो कैटागिरी में रजिस्ट्रेशन की जा रही है, इसमें पचास करोड़ से नीचे और पचास करोड़ रुपए टर्नओवर की दो कैटागिरी बनाई गई है। रजिस्ट्रेशन केवल दस सितंबर तक हो पाएगी।
दो सेशन किए जाएंगे आयोजित
इसमें दो सेशन आयोजित किए जाएंगे। पहले सेशन में सुबह 10 बजे से एक बजे तक ट्रेनिंग सेशन में न्यू स्वान ग्रुप डिजाइनिंग विभाग के मनजीत सिंह बतौर एक्सपर्ट शामिल होंगे। जबकि दूसरे सेशन में प्रेंजेटेशन एवं कंपीटिशन होगा। इसमें बीस से अधिक कंपनियों की ओर से पोके योके के माध्यम से किए गए सुधारों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसका संचालन सीआइसीयू के ज्वाइंट सचिव एसबी सिंह करेंगे।
कार्यक्रम का मकसद क्वालिटी को बेहतर बनाना
इस कार्यक्रम का मकसद क्वालिटी को बेहतर करना, प्रोडक्टीविटी, कास्ट एवं वेस्ट कंट्रोल पर काम करना होगा। प्रधान उपकार सिंह आहुजा ने कहा कि आज जापानी तकनीक पोके योके के माध्यम से भारत की कई कंपनियां अपने में सुधार कर रही है। इसके माध्यम से यह सिखाया जाता है कि किस तरह गलतियों से सीखकर इसके बैरियर तय किे जाएं कि दोबारा गलती न हो, इसके साथ ही नया कुछ करने से पूर्व कैसे गलतियों का आकलन पहले ही करके इससे बचा जा सके।