पंजाब के बजट पर एमएसएमई उद्योगपति बोले, उम्मीदों पर फिरा पानी
पंजाब में पहली बार सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार से ढेरों उम्मीदें लगाए बैठे लुधियाना के कारोबारियों के हाथ निराशा ही लगी है। बजट में कारोबार के लिए किसी भी नई योजना का जिक्र नहीं किया गया है। भले ही कारोबारियों पर किसी तरह के टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाया गया लेकिन न तो नए प्रोजेक्ट दिए गए हैं और न ही इंडस्ट्री को प्रफुल्लित करने के लिए किसी योजना पर काम किया गया है।
मुनीश शर्मा, लुधियाना : पंजाब में पहली बार सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार से ढेरों उम्मीदें लगाए बैठे लुधियाना के कारोबारियों के हाथ निराशा ही लगी है। बजट में कारोबार के लिए किसी भी नई योजना का जिक्र नहीं किया गया है। भले ही कारोबारियों पर किसी तरह के टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाया गया, लेकिन न तो नए प्रोजेक्ट दिए गए हैं और न ही इंडस्ट्री को प्रफुल्लित करने के लिए किसी योजना पर काम किया गया है। जो योजनाएं बताई गई हैं, उनमें से अधिकतर पर पिछली सरकार ने काम भी शुरू कर दिया था।
लुधियाना के कारोबारियों को उम्मीद थी कि बजट में कौशल विकास केंद्रों, साइकिल और हौजरी इंडस्ट्री के लिए टेक्नोलाजी व इनोवेशन पर काम होगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इसके अलावा कारोबारी लंबे समय से वैट रिफंड का भी मुद्दा उठा रहे हैं। इसका भी तत्काल हल करने के बजाय बजट में इसे अगले छह माह तक क्लीयर करने की बात कही गई है। जीएसटी लागू होने के चलते कई साल पूर्व वैट की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके अभी तक इसका रिफंड पूरी तरह क्लीयर नहीं हो पाया है।
पंजाब के इतिहास में सबसे खराब बजट
आल इंडस्ट्री ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने कहा कि यह पंजाब के इतिहास का सबसे खराब बजट है। इसमें सरकार द्वारा बड़े वादे करने के बावजूद उद्योगों को कुछ नहीं मिला। कुल बजट का 1.62 प्रतिशत हिस्सा ही उद्योगों को दिया गया है और राज्य में चलने वाली अरबों रुपये की इनवेस्टमेंट पालिसी के लिए मात्र 100 करोड़ रुपये ही रिजर्व किए गए। इससे लगता है कि पंजाब में इनवेस्ट पंजाब स्कीम शायद जल्द ही बंद हो जाए।
ई व्हीकल ग्रोथ में पिछड़ जाएगा पंजाब
यूनाइटेड साइकिल एवं पार्ट्स मैन्यू्फैक्चरर एसोसिएशन (यूसीपीएमए) के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक पंजाब में पहली बार सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार से कई उम्मीदें थी। हालांकि सरकार ने पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना के साइकिल क्लस्टर को कोई राहत नहीं दी है। साइकिल इंडस्ट्री अब ई-व्हीकल की ओर तेजी से अग्रसर हो रही है। इसके लिए सरकार ने न तो कोई रियायत दी है और न ही इसकी टेक्नोलाजी लाने के लिए प्रविधान किया है। ऐसे में इस सेक्टर में प्रदेश निश्चित रूप से पिछड़ जाएगा।
इंडस्ट्री और उसके सुझावों को किया गया नजरंदाज
फास्टनर मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन आफ इंडिया के प्रधान नरिदर भमरा ने कहा कि प्रदेश सरकार के पहले बजट से ढेरों उम्मीदें थी, लेकिन सरकार की ओर से पंजाब की इंडस्ट्री को नजरंदाज किया गया है। सरकार ने वोट बैंक के लिए जनहित योजनाओं पर तो ध्यान दिया है, लेकिन आर्थिक मजबूती के साथ-साथ पंजाब में रोजगार के अवसर पैदा करने वाली इंडस्ट्री को नजरंदाज कर दिया है। सरकार को प्रोफेशनल टैक्स, मास्टर प्लान में शामिल इंडस्ट्रीयल जोन, अपग्रेडेशन के लिए माडर्नाइजेशन स्कीम लाने के लिए कहा गया था, लेकिन इंडस्ट्री की झोली खाली रही।
पोर्ट से दूरी, न कोई फ्रेट सब्सिडी न कोई रियायत
पैरामाउंट इंपेक्स के एमडी राकेश कपूर के मुताबिक पंजाब की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में यहां की इंडस्ट्री अहम भूमिका अदा कर सकती है। ऐसे में अगर इंडस्ट्री पर फोकस किया जाए, तो रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। पोर्ट से दूरी के बावजूद मेक इन इंडिया में मेक इन पंजाब की भूमिका बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए सरकार से फ्रेट सब्सिडी सहित विभिन्न योजनाओं और इंडस्ट्री को ट्रेनिग एवं स्किल डेवलपमेंट के लिए विशेष पैकेज मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह बजट निराशाजनक रहा। फोटो संख्या -- 33
वैट रिफंड के इंतजार का फैसला हैरानीजनक
निटवियर एवं टेक्सटाइल क्लब के प्रधान विनोद थापर के मुताबिक वैट प्रक्रिया को बंद हुए कई साल बीत चुके हैं और जीएसटी प्रक्रिया लागू है। इसके बावजूद वैट के रिफंड को लेकर अभी तक इंडस्ट्री को दो-चार होना पड़ रहा है। सरकार ने अगले छह महीने में रिफंड देने की बात कही है। इसके साथ ही इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए कोई रोडमैप नहीं है। भले ही नए टैक्स नहीं लगाए गए, लेकिन ग्रोथ के लिए कोई बदलाव भी नहीं है।