भारत व चीन में तनाव का असर, फैंसी साइकिलों की डिमांड सप्लाई को बदलावों की तैयारी में इंडस्ट्री
साइकिल निर्माता हाईटेक वैली के शीघ्र निर्माण कुछ उत्पादों की इंपोर्ट पर ब्रेक और जब तक उत्पादों को पूर्ण निर्माण नहीं शुरू होता चीन की बजाये ताईवान और यूरोप से करवाने की मांग कर रह
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। भारत और चीन के बीच रिश्तों में आए तनाव के बाद अब भारतीय साइकिल इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि साइकिल इंडस्ट्री अभी कई उत्पादों के लिए चीन पर निर्भर है। उद्योगपतियों के पास फिलहाल इसका विकल्प नहीं है। ऐसे में अब भारतीय उद्योगों को इसके लिए तत्काल बदलावों की ओर फोकस करना होगा। इसको लेकर बड़ी कंपनियां तो बदलाव कर सकती हैं, लेकिन पार्ट्स का निर्माण करने वाली एमएसएमई को अपग्रेड करने की आवश्यकता है।
ऐसे में लुधियाना में साइकिल के कई अहम उत्पादों के लिए रिसर्च सेंटर और कलस्टर बनाने की मांग की जा रही है। बात उत्पादों की करें, तो भारत को ट्रांसमिशन पार्टस, एलॉय हैंडल बार, एलॉय हबस, एलाय चेन, व्हील एवं क्रेंक, डिस्क ब्रेक, कोस्टर हब जैसे उत्पादों के लिए चीन सहित अन्य देशों पर आश्रित रहना पड़ रहा है।
इंपोर्ट गिरा, पर उत्पादों के निर्माण में बाधा
बात इंपोर्ट की करें, तो इन उत्पादों में 2018-19 में 264 मिलियन डॉलर थी और जो अब 2019-20 में कम होकर 149 मिलियन डॉलर रह गया है, इंपोर्ट तो भले कम हुआ है, लेकिन उत्पादों के निर्माण को लेकर इंडस्ट्री सजग नही हो पाई है। इसका मुख्य कारण साइकिल एवं पार्ट्स निर्माण में 70 फीसद योगदान एमएसएमई इंडस्ट्री का है। इसे अपग्रेड करने के लिए लुधियाना रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर हाईटेक चाहिए, ताकि एमएसएमई उद्योग सरकारी संस्थान से नई तकनीक और निर्माण प्रक्रिया सीखकर बेहतर उत्पाद बना सकें।
साइकिल निर्माता हाईटेक वैली के शीघ्र निर्माण, कुछ उत्पादों की इंपोर्ट पर ब्रेक और जब तक उत्पादों को पूर्ण निर्माण नहीं शुरू होता चीन की बजाए ताईवान और यूरोप से करवाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्री सेफ साइक्लिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एवं फाइनेसिंग की मांग कर रहे हैं।
बेहतरीन उत्पादों के निर्माण के लिए ट्रेनिंग की जरूरत
ऑल इंडिया साइकिल मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान एवं एवन साइकिल के सीएमडी ओंकार ङ्क्षसह पाहवा ने कहा कि साइकिल इंडस्ट्री का भविष्य बेहतर है। भारत में ही खपत में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में केवल आवश्यकता है, नए बेहतरीन उत्पादों के निर्माण को लेकर ट्रेनिंग की। इसको लेकर सरकार को इंडस्ट्री के साथ मिलकर लुधियाना में बेहतर ट्रेनिंग सेंटर और आरएंडडी सेंटर को अपग्रेड करना चाहिए।
आरएंडडी सेंटर में बदलाव के लिए काम करना सबसे अहम
एकमा के सेक्रेटरी जनरल डॉ. केबी ठाकुर ने कहा कि मेक इन इंडिया के लिए इंडस्ट्री को अपने स्तर पर भी उत्पादों को विश्व मार्केट की डिमांड मुताबिक तैयार करना होगा। इसके साथ ही आरएंडडी सेंटर में बदलाव सबसे अहम है। यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन प्रधान डीएस चावला ने कहा कि हम अपने स्तर पर भी ट्रेनिंग और वर्कशॉप को लेकर तैयारी में हैं। वहीं आरएंडडी को लेकर अहम काम करने की आवश्यकता है।