Move to Jagran APP

सेहत विभाग ने स्कूलों में भी पीने वाले पानी की जांच शुरू की

जिले के स्कूली विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा है या नहीं इसकी सच्चाई जानने के लिए सेहत विभाग ने स्कूलों के पानी की भी जांच शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 02:57 AM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 02:57 AM (IST)
सेहत विभाग ने स्कूलों में भी पीने वाले पानी की जांच शुरू की
सेहत विभाग ने स्कूलों में भी पीने वाले पानी की जांच शुरू की

जासं, लुधियाना : जिले के स्कूली विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल मिल रहा है या नहीं इसकी सच्चाई जानने के लिए सेहत विभाग ने स्कूलों के पानी की भी जांच शुरू कर दी है। विभाग की ओर से अब तक करीब दो दर्जन से अधिक स्कूलों से वाटर सैंपल जांच के लिए जा चुके हैं। जबकि बाकी स्कूलों को अप्रैल माह तक कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी पुष्टि डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार ने की है। डॉ. रमेश के अनुसार पिछले वर्ष सेहत विभाग की ओर से करवाई गई जांच में करीब चार दर्जन से अधिक सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के पानी के सैंपल फेल पाए गए थे। पानी के सैंपल में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया काफी ज्यादा मिले थे। तब सैंपल फेल होने की रिपोर्ट स्कूल प्रमुखों को भेजी गई थी। उस दौरान स्कूल प्रबंधकों की तरफ से आश्वासन दिया गया था कि वह दूषित पेयजल की समस्या का जल्द समाधान करेंगे। स्कूलों ने समाधान किया या नहीं, उसी की हकीकत जाने के लिए सेहत विभाग अब फिर से स्कूलों में पानी की जांच करवा रहा है। डीसी व जिला शिक्षा अधिकारी को देंगे रिपोर्ट

loksabha election banner

डॉ. रमेश ने कहा कि जांच में जिन भी स्कूलों में पानी के सैंपल फेल पाएं जाएंगे उसकी रिपोर्ट डीसी व जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी। खासकर उन स्कूलों की, जहां पिछले वर्ष पानी के सैंपल फेल हुए थे। स्कूल प्रमुखों की जिम्मेवारी बनती है कि वह बच्चों के लिए साफ पेयजल की व्यवस्था करें। यदि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं, तो यह सही नहीं हैं। डॉ. रमेश ने कहा कि सेहत विभाग इस बार स्कूलों में बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा। दूषित पानी पीने से पेट की बीमारी होने का खतरा

सिविल अस्पताल के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह के अनुसार दूषित पेयजल से सबसे पहले पेट में इंफेक्शन होता है। कई बार यह इंफेक्शन बढ़कर ब्लड को भी प्रभावित करती है। दूषित पानी पीने से गैस्ट्रो, डायरिया, उल्टी-दस्त, टायफाइड और पीलिया रोग हो सकते हैं। स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों को साफ पानी की व्यवस्था को यकीनी बनाना चाहिए। जबकि अभिभावकों को अपने स्तर पर बच्चों को घर से ही बोतल में साफ पानी देकर भेजना चाहिए। क्योंकि लंबे समय तक दूषित पेयजल पीने से स्वास्थ्य संबंधी कई तरह की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। यदि घर पर आरओ सिस्टम नहीं लगा,हो तो पानी को अच्छी तरह उबाल कर पीया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.