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जांच रिपोर्ट पर बढ़ी रार, इंजीनियर्स पहुंचे सिद्धू दरबार

गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल गिरने के मामले में प्रशासन की रिपोर्ट के खिलाफ इंजीनियर्स खुलकर सामने आ गए। काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स के पदाधिकारी प्रशासन की जांच रिपोर्ट के खिलाफ अब सिद्धू के दरबार तक पहुंच गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 09:14 PM (IST)
जांच रिपोर्ट पर बढ़ी रार, इंजीनियर्स पहुंचे सिद्धू दरबार

राजेश भट्ट, लुधियाना

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गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल गिरने के मामले में प्रशासन की रिपोर्ट के खिलाफ इंजीनियर्स खुलकर सामने आ गए। काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स के पदाधिकारी प्रशासन की जांच रिपोर्ट के खिलाफ अब सिद्धू के दरबार तक पहुंच गए। वहीं दूसरी तरफ इंजीनियर्स ने डिप्टी कमिश्नर कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल को भी जांच रिपोर्ट में तथ्यों की अनदेखी करने शिकायत सौंप दी है। काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स ने आठ बिंदु मंत्री और डीसी को बताए हैं जिनसे साफ होता है कि रिटेनिंग वॉल चूहों की वजह से नहीं गिरी बल्कि पुल निर्माण के तौर तरीकों में बरती गई लापरवाही से गिरी थी। गौरतलब है कि गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल गिरने के लिए प्रशासन की जांच कमेटी ने चूहों को जिम्मेदार ठहराया है। निगम इंजीनियर्स भी चूहों को जिम्मेदार बता रहे थे, जबकि इंजीनियर्स व आर्किटेक्ट पहले दिन से ही निगम इंजीनियर्स की इस दलील से संतुष्ट नहीं थे। बुधवार को काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स के अध्यक्ष कपिल कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलवंत राय, मोहित जैन, पंजाब सिंह, अभिषेक व अन्य ने डीसी प्रदीप अग्रवाल को शिकायत सौंपी और जांच में अनछुए तथ्यों पर दोबारा से जांच करवाने की मांग की। इसके अलावा इंजीनियर्स ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और प्रिंसिपल सेक्रेटरी लोकल बॉडीज गवर्नमेंट को भी शिकायत भेज दी। इंजीनियर्स ने पूरे तत्थ्यों के साथ अपनी शिकायत डीसी व मंत्री को भेजी है। आरोप है कि पुल निर्माण के वक्त और बाद में मेंटेनेंस में लापरवाही बरती गई। इसलिए चूहों को दोषी ठहराकर जांच टीम ने मुख्य तथ्यों को छुपाकर जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश की है।

इंजीनियर्स के सवाल, जिन्हें जांच में अनदेखा किया गया

-चूहों ने अगर नेट काटे हैं तो रिटेनिंग वॉल की स्लैब के साथ जाली का हिस्सा क्यों नहीं है?

निर्माण के वक्त अगर नेट को पैनल के साथ यू सेप में मोड़ा गया था तो स्लैब के साथ जाली का हिस्सा क्यों नहीं था?

स्लैब के ज्वाइंट पर अगर फाइबर सीट लगी थी तो वह टूटने के बाद दिखी क्यों नहीं?

जांच कमेटी ने क्या दोनों साइड की रिटेनिंग वॉल देखी?

क्या रिटेनिंग वॉल के साथ बजरी डाली गई थी?

क्या टीम ने चेक किया कि रिटेनिंग वॉल पर कहीं से बजरी बाहर निकल रही है?

पुल के ऊपर बैरियर क्रेक पर दरार कैसे आई?

स्लैब क्या सही तरीके से लगाई गई थी? टूटने पर कई खामियां हुई उजागर

इंजीनियर कपिल अरोड़ा व कुलवंत राय ने कहा कि रिटेनिंग वॉल टूटने से कई तरह की खामियां सामने आई। उन्होंने बताया कि जो आठ सवाल उठाए हैं उनमें से मौके पर कोई भी चीज रिटेनिंग वॉल टूटने पर नहीं दिखी, जिससे साफ है कि निर्माण में भी भारी खामी रही। उन्होंने बताया कि अब इसकी शिकायत निकाय मंत्री व महकमे के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को भी दे दी है। डीसी बोले, स्थानीय निकाय विभाग को करें शिकायत

डीसी प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि जब मामले की जांच चल रही थी तब इंजीनियर्स कहां थे? उनको तभी अपना पक्ष रखना चाहिए था। अब जांच पूरी हो गई है तो सवाल उठाने का कोई फायदा नहीं है। डीसी का कहना है कि रिपोर्ट प्रिंसिपल सेक्रेटरी लोकल बॉडीज गवर्नमेंट को भेज दी गई है। अगर अब किसी को जांच पर आपत्ति है तो वह प्रिंसिपल लोकल बॉडीज को दर्ज करवा सकता है। विभाग अगर दोबारा जांच करवाता है तो करवा सकता है।


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