उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में आते ही दिलचस्प हुआ हलका पूर्वी का रण
पंजाब में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर हैं। बीस फरवरी को मतदाता अगले पांच साल के लिए नेताओं का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद कर देंगे। राजनीतिक दलों में अपने अपने उम्मीदवार घोषित करने की प्रक्रिया जोरों पर हैं। उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में आते ही लुधियाना के हलका पूर्वी का राजनीतिक रण काफी दिलचस्प हो गया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब में विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां चरम पर हैं। बीस फरवरी को मतदाता अगले पांच साल के लिए नेताओं का राजनीतिक भविष्य ईवीएम में बंद कर देंगे। राजनीतिक दलों में अपने अपने उम्मीदवार घोषित करने की प्रक्रिया जोरों पर हैं। उम्मीदवारों के चुनाव मैदान में आते ही लुधियाना के हलका पूर्वी का राजनीतिक रण काफी दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस और लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं और सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर मुकाबला काफी कड़ा रहा था और कांग्रेस, आप एवं शिअद उम्मीदवारों में वोटों का अंतर काफी कम था। इस बार मुकाबला और कड़ा है, देखना है कि इस चुनावी समर में कौन बाजी मारेगा।
लुधियाना पूर्वी विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1977 में आस्तित्व में आया था। इस सीट पर पांच बार कांग्रेस ने विजय हासिल की है, जबकि तीन बार भाजपा ने और एक बार शिरोमणि अकाली दल ने इस सीट पर कब्जा किया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के संजय तलवाड़ ने जीत दर्ज की थी। तलवाड़ को पिछले चुनावों में 43010 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार दलजीत सिंह गरेवाल ने 41,429 वोट हासिल किए थे। संजय को दलजीत गरेवाल से महज 1581 वोट ही अधिक मिले थे। तीसरे स्थान पर शिरोमणि अकाली दल के रंजीत सिंह ढिल्लों रहे थे। उनको भी 41,313 वोट मिले थे। कुल मिला कर तीनों ही उम्मीदवारों के बीच वोट का मार्जेन काफी कम था।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में भी तीनों पुराने प्रतिद्वंद्वी मसलन कांग्रेस की तरफ से संजय तलवाड़, आम आदमी पार्टी की तरफ से दलजीत गरेवाल भोला और शिरोमणि अकाली दल की तरफ से रंजीत सिंह ढिल्लों चुनाव मैदान में हैं। इनके अलावा भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस एवं शिअद संयुक्त के सांझे उम्मीदवार जगमोहन शर्मा और लोक इंसाफ पार्टी के एडवोकेट गुरजोध सिंह गिल भी ताल ठोंक रहे हैं।
जीत का अंतर काफी कम रहेगा
कांग्रेस एवं शिरोमणि अकाली दल का भी इस क्षेत्र में मजबूत वोट बैंक हैं। कांग्रेस के संजय तलवाड़ और शिअद के रंजीत सिंह ढिल्लों विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही नेताओं ने अपने अपने कार्यकाल में इस क्षेत्र में विकास को ही प्राथमिकता दी थी। उधर, भाजपा गठबंधन के सांझे उम्मीदवार जगमोहन शर्मा पुराने कांग्रेसी हैं और वे दस साल तक जिला कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। जगमोहन शर्मा इस बार भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस क्षेत्र में भाजपा का भी अच्छा आधार है। ऐसे में साफ है कि इस बार भी हलका पूर्वी में जीत का मार्जेन काफी कम रहेगा। अब इन चुनावों में किसके पर विजय आएगी, इसका सही पता को दस मार्च को ही चल पाएगा। हां, सभी उम्मीदवार अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं।