मां ने बांधा सेहरा, बहनों ने राखी, पिता ने नम आंखाें से अजीत को दी मुखाग्नि
सेंट्रल जेल में वीरवार हुए हिंसक विवाद के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए अजीत सिंह के परिवार ने खुद ही अंतिम संस्कार करा दिया।
जेएनएन, लुधियाना। सेंट्रल जेल में वीरवार हुए हिंसक विवाद के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए अजीत सिंह के परिवार ने खुद ही अंतिम संस्कार करा दिया। इससे पहले अजीत के परिजनों पर लगातार पुलिस की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि अगर वे लोग अंतिम संस्कार नहीं कराते तो पुलिस खुद करा देगी। पुलिस ने एंबुलेंस में अजीत का शव उसके घर पहुंचाया। वहां उसकी मां व परिवार के सदस्यों ने उसे सेहरा बांधा, बहनों ने राखी बांधी, जिसके बाद शव को दाना मंडी ले जाया गया। जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पिता ने ही मुखाग्नि दी।
सोमवार को दाना मंडी श्मशानघाट पुलिस छावनी बना रहा। पुलिस ने शुक्रवार को अजीत के शव का पोस्टमार्टम कराया था, लेकिन तब परिवार ने शव लेने से मना कर दिया था। पुलिस का कहना था कि यदि परिवार ने 72 घंटे में शव नहीं लिया तो वो अपने स्तर पर उसका अंतिम संस्कार करा देगी, जबकि मृतक का पिता हरजिंदर सिंह हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर अड़ा हुआ था, लेकिन सोमवार को याचिका दायर नहीं की जा सकी।
अंतिम संस्कार के दौरान सौतेले बेटे से हाथापाई
जेल में गोली लगने से मारे गए अजीत के शव को अंतिम संस्कार काे ले जाने के दाैरान विलाप करते परिजन।
अजीत की चिता को आग लगते ही पुलिस ने राहत की सांस ली। संस्कार होते ही पुलिस वहां से वापस चली गई। उसी दौरान अजीत की मां मीरा की अपने सौतेले बेटे के साथ हाथापाई हो गई। वहां मौजूद लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को अलग कराया, जिसके बाद मीरा को मेडिकल कराने के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। बाद में उसने थाना शिमलापुरी पुलिस के पास शिकायत भी दर्ज कराई। मीरा ने बताया कि उसके पति हरजिंदर सिंह का पहली पत्नी से तलाक हो चुका है। उस पत्नी से उसका एक बेटा व बेटी है। उसका आरोप है कि सोमवार जब अजीत का अंतिम संस्कार हो रहा था। उस समय उसने देखा कि उसका सौतेला बेटा चिता के पास कोई हड्डी जैसी चीज रख रहा था। उसने जब उसके बारे में उससे पूछा तो उसने बहसबाजी के बाद हाथापाई शुरू कर दी।
इंसाफ के हाई कोर्ट जाएगा पिता
अजीत सिंह के अंतिम संस्कार के समय मौजूद पुलिस अधिकारियों से बात करता उसका पिता।
उधर हरजिंदर सिंह ने कहा पुलिस के साथ उसे कोई शिकायत नहीं है, मगर जेल अधिकारियों व जेल गार्द ने उसके बेटे की जान ली है। इसलिए इंसाफ के लिए वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट भी जाएगा। मीरा के साथ हुई मारपीट के बारे में पूछने पर उसने कहा कि वो उनके घर का मामला है।