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प्रेमिका से मारपीट करने वाले पति को न्यू ईयर पर शराब पिला जिंदा जलाया

अरुण के पड़ोसी हर्शिला से संबंध थे। उसका पति उससे मारपीट करता था। अरुण को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने नए साल पर शराब पिलाकर उसके पति को पेट्रोल डाल जिंदा जला दिया।

By Edited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 06:24 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 04:08 PM (IST)
प्रेमिका से मारपीट करने वाले पति को न्यू ईयर पर शराब पिला जिंदा जलाया
प्रेमिका से मारपीट करने वाले पति को न्यू ईयर पर शराब पिला जिंदा जलाया

जासं, लुधियाना : महानगर में नए साल की रात एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के पति को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। प्रेमी को पति द्वारा अपनी प्रेमिका की पिटाई बर्दाश्त नहीं हो रही थी। करीब 90 फीसद झुलसे दीपेश सेठी उर्फ दीपक (33) को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे डीएमसी रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार उसकी हालत बेहद नाजुक है। थाना दुगरी पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में पड़ोसी अरुण राणा (22) को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस हर्शिला को भी वीरवार को गिरफ्तार कर सकती है।

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एडीसीपी सुरिंदर लांबा ने बताया कि हैबोवाल के संत विहार निवासी दीपक दवा कंपनी में सेल्समैन है। आरोपित अरुण पिछले दो साल से उसके पड़ोस में रह रहा है। अरुण की अभी शादी नहीं हुई थी, करीब डेढ़ साल से उसके दीपक की पत्नी रमनदीप कौर उर्फ हर्शिला उर्फ चैरी (26) से अवैध संबंध हैं। दीपक-हर्शिला का एक छह साल का बेटा भी है। दीपक को उनके संबंधों के बारे में कुछ पता न था। दीपक और अरुण अकसर साथ में बैठ कर शराब पिया करते थे।

लुधियाना पुलिस की गिरफ्त में आरोपित अरुण।

एडीसीपी लांबा ने बताया कि घरेलू विवाद के चलते दीपक अकसर चैरी के साथ मारपीट किया करता था, जिससे अरुण बहुत परेशान था। उसने मन ही मन दीपक की हत्या करने का इरादा बना लिया। 31 दिसंबर की रात उसने योजना पर काम करते हुए उस पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। उसे मरा हुआ समझ कर वह फरार हो गया। पुलिस ने वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई एक्टिवा भी बरामद कर ली है। एसीपी रमनदीप भुल्लर ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के लिए अरुण ने तीन दिन पहले ही एसबीएस नगर स्थित सिटी सेंटर वाली जगह का चुनाव किया था। उसने सग्गू चौक से सिटी सेंटर के रास्ते में लगने वाले सभी पुलिस नाकों की भी रेकी की थी। वहां पहुंचने के लिए शार्ट कट भी देख लिया था। वारदात से कुछ घंटे पहले उसने दुगरी के एक पेट्रोल पंप से 130 रुपये का पेट्रोल खरीद कर स्कूटर की डिग्गी में रख लिया।

दोस्त के दफ्तर में बैठ पी शराब

साजिश के तहत अरुण ने दीपक को कुछ दिन पहले ही कहना शुरू कर दिया था कि वो दोनों 31 दिसंबर की रात शराब पीएंगे। उसने कहा कि उसके पास विदेशी शराब की बोतल है पर इस बारे में किसी को बताना नहीं है। रात को दोनों अलग-अलग समय पर अपने घर से निकले। अरुण ने अपने दोस्त के सग्गू चौक स्थित दफ्तर की चाबी ले रखी थी। जहां बैठ कर दोनों ने शराब पी।

नशे में धुत करने के बाद लगाई आग

अरुण ने दीपक को जमकर शराब पिलाई। रात पौने एक बजे चक्कर लगाने की बात बोल वो उसे सिटी सेंटर ले गया। वहां बाथरूम जाने के बहाने दीपक को सिटी सेंटर इमारत के अंदर ले गया। अंदर पहुंचते ही शराब में धुत दीपक जमीन पर लेट गया। वारदात को अंजाम देने के लिए अरुण ने पहले उसकी जुराबों पर पेट्रोल डाला। जब उसने देख लिया कि दीपक पूरी तरह से नशे में है तो उसने उसके पूरे बदन पर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी। दूसरी और आग से तड़पता हुआ दीपक सिटी सेंटर के अंदर 15 फुट नीचे बेसमेंट में जा गिरा।

 गश्त करती पुलिस भी पहुंची थी घटना स्थल पर

दीपक को आग के हवाले करने के बाद अरुण वहीं मंडराता रहा। उधर, नववर्ष के चलते गश्त कर रही एक पीसीआर टवेरा टीम सिटी सेंटर पहुंची। उसमें से दो मुलाजिम नीचे उतरे। दोनों ने सिटी सेंटर के एक कोने में दीपक की जल रही कमीज देखी, मगर उनका ध्यान नीचे झुलस रहे दीपक की ओर नहीं गया। सिटी सेंटर के आस-पास घूमने के बाद दोनों वापस गाड़ी में बैठ कर वहां से रवाना हो गए। पुलिस को देख अरुण वहां से भाग खड़ा हुआ। रात ढाई बजे घर पहुंच कर वो सो गया।

एडीसीपी लांबा ने बताया कि पेशे से आर्किटेक्चर अरुण बेहद शातिर है। वारदात को अंजाम देने के अगले दिन वो बेहद रिलैक्स रहा। जब उसे पता चला कि दीपक रात भर घर नहीं आया तो वो ड्रामा करते हुए उसके घर चला गया। दीपक के परिवार के साथ जाकर उसने थाना हैबोवाल पुलिस के पास उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। दीपक के बारे में पता चलते ही वो डीएमसी अस्पताल भी पहुंच गया और बखूबी ड्रामा करता रहा। एसएचओ दुगरी गुरबचन सिंह ने दीपक की पहचान वालों से पूछताछ शुरू की। उसी बीच जब पुलिस ने अरुण से पूछताछ की तो वो घबरा गया। उससे जब पूछा गया कि 31 दिसंबर की रात वो कहां था, तो पहले उसने कहा कि वो अपने दोस्त राकेश के साथ था। बाद में उसने बयान बदलते हुए कहा कि वो अपने दोस्त अरुण के साथ था। पुलिस को पड़ताल के दौरान जैसे ही पता चला कि अरुण और दीपक की पत्नी के बीच अवैध संबंध थे। उसी समय पुलिस के शक की सूई अरुण की ओर घूम गई। थोड़ी सी सख्ती के साथ ही वो टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

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