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उपभोक्ता फोरम ने बैंक को दिया 5000 रुपये मुआवजा देने का आदेश, 11,450 रुपये भी लौटाने पड़ेंगे

सुचिता तनोत्रा को कनाडा की यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए 10200 कनाडाई डॉलर वायर ट्रांसफर के जरिये भेजने थे। फोरम ने कहा कि बैंक के अधिकारियों द्वारा गलत ब्योरा भरने के कारण यह वायर ट्रांसफर खारिज कर दिया गया था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 08:19 PM (IST)
उपभोक्ता फोरम ने बैंक को दिया 5000 रुपये मुआवजा देने का आदेश, 11,450 रुपये भी लौटाने पड़ेंगे
उपभोक्ता फोरम का यह आदेश लुधियाना के गगनदीप कॉलोनी की सुचिता तनोत्रा ​​की शिकायत पर आया है।

लुधियाना, जेएनएन। जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने एक मामले में सेवाओं की कमी के लिए इंडसइंड बैंक को पीड़ित को 5000 रुपये के मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसके अलावा फोरम ने 11,450 रुपये वसूलने को भी गलत करार देते हुए धनराशि लौटाने का भी आदेश दिया। फोरम ने फैसला दिया कि जब उपभोक्ता कि निर्देशानुसार बैंक उसकी भेजी धनराशि को ट्रांसफर करने में अपनी लापरवाही के कारण विफल रहा तो उसे उपभोक्ता से 11,450 रुपये बतौर चार्जेज काटने का कोई अधिकार नहीं है। बैंक को आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से 30 दिन के भीतर भुगतान करना होगा। अन्यथा शिकायतकर्ता 8% प्रति वर्ष की दर से ब्याज का हकदार होगा। यह आदेश लुधियाना के गगनदीप कॉलोनी की सुचिता तनोत्रा ​​की शिकायत पर आया है।

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अपने आदेश में फोरम ने कहा कि रिकॉर्ड से यह पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज के साथ डॉक्टर आफ फिलॉसफी डिग्री में प्रवेश के लिए आवेदन किया था। स्कोटिया बैंक में वायर ट्रांसफर के माध्यम से उसे 10,200 कनाडाई डॉलर भेजने थे। शिकायतकर्ता ने बैंक से 10200 कनाडाई डॉलर तार हस्तांतरण के लिए अनुरोध किया। यह राशि भारतीय मुद्रा में 5,40,610 रुपये है। हालांकि बैंक के अधिकारियों द्वारा गलत ब्योरा भरने के कारण यह वायर ट्रांसफर खारिज कर दिया गया था। ग्राहक का ऑर्डरिंग पता रिकॉर्ड में लाभार्थी ग्राहक के पते के साथ मेल नहीं खाता था। यही कारण स्कोटिया बैंक की ओर से भेजे गई मेल में बताया गया है। इससे यह साबित होता है कि बैंक के अधिकारियों से ही त्रुटि हुई थी।

शिकायतकर्ता ने आवेदन करने के लिए खर्च की गई सेवाओं की कमी के कारण 1,50,00 रुपये का मुआवजा मांगा था। हालांकि फोरम ने ठहराया की एक बार जब वायर ट्रांसफ़र विफल हो गया तो तो सही विवरण भरकर शिकायतकर्ता पुनः पैसे भेज सकती थी। दूसरी ओर, फोरम के नोटिस जारी करने के बावजूद बैंक हाजिर नहीं हुआ।


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