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890 रुपये वापस लेने के चक्कर में गंवा दिए 72 हजार, व्यापारी को महंगा पड़ा परफ्यूम Ludhiana News

परफ्यूम वापस करने पर जब युवक ने इंटरनेट से मिले नंबर पर संपर्क किया तो नौसरबाजों ने उसके डेबिट कार्ड की डिटेल लेकर उसके खाते से 72 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन कर ली।

By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 07:11 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 12:26 PM (IST)
890 रुपये वापस लेने के चक्कर में गंवा दिए 72 हजार, व्यापारी को महंगा पड़ा परफ्यूम Ludhiana News
890 रुपये वापस लेने के चक्कर में गंवा दिए 72 हजार, व्यापारी को महंगा पड़ा परफ्यूम Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। ऑनलाइन ठगी का बेहद अलग मामला सामने आया है। स्नैपडील से लिया परफ्यूम वापस करने पर जब युवक ने इंटरनेट से मिले नंबर पर संपर्क किया तो नौसरबाजों ने उसके डेबिट कार्ड की डिटेल लेकर उसके खाते से 72 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन कर ली। पुलिस ने उसकी शिकायत पर सात महीने बाद अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

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किदवई नगर निवासी रविंदर कुमार ने पुलिस को पांच फरवरी को शिकायत देकर बताया था कि उसने स्नैपडील कंपनी से एक परफ्यूम मंगाया था। उसे उसकी खुशबू पसंद नहीं आई तो वापस कर दिया। इसके बाद उसने अपने 890 रुपये संबंधी स्नैपडील की वेबसाइट से दो फोन नंबर निकाला। फोन किया तो सामने से बोलने वाले शख्स ने उसे बातों में लगाकर उससे उसका अकाउंट और डेबिट कार्ड की डिटेल ले ली। इसके बाद 32 हजार और 40 हजार रुपये की दो ट्रांजेक्शन उसके अकाउंट से हो गई। जब उसने उक्त दोनों नंबरों पर फोन किया तो वह बंद आ रहे थे।मामले की शिकायत पर पुलिस ने साइबर सेल से इसकी जांच करवाई। अब सात माह बाद थाना डिवीजन 2 में केस दर्ज किया गया। जांच इंस्पेक्टर सुरिंदर कुमार को सौंपी गई है।

हमने तो आस ही छोड़ दी, बेहद ढीली है पुलिस की कार्रवाई

व्यापारी रविंदर कुमार का कहना है कि वह तो शिकायत देने के बाद भूल ही चुके थे कि कोई ठगी भी हुई है। हमने सात माह पहले शिकायत दी और पांच बार बुलाकर उनसे ही पूछताछ होती रही। यही नहीं सात माह बाद भी मामला अज्ञात पर दर्ज किया गया है। पुलिस का यह रवैया बेहद ढीला है।

आदेश के बाद दर्ज हुआ मामला

थाना डिवीजन दो के प्रभारी इंस्पेक्टर सुरिंदर सिंह का कहना है कि तय मापदंड के अनुसार पहले साइबर सेल ही मामले की जांच करती है। वहां से आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है। हम मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।

एक साल में 100 के करीब मामले आए, एक भी नहीं सुलझा

चिंता का विषय यह भी है कि पुलिस के पास पिछले एक साल में सवा सौ के करीब साइबर क्राइम की शिकायतें आई हैं, मगर इनमें से पुलिस एक भी मामले को सुलझा नहीं पाई है। कमिश्नरेट कार्यालय के अधीन चल रहे साइबर सेल में पुलिस के पास पर्याप्त प्रबंध ही नहीं है। जब भी पुलिस नौसरबाज की कॉल डिटेल निकलवाती है तो इसका एड्रेस उत्तर प्रदेश, बेंगलुरू या फिर दूर दराज के एरिया का होता है। अब पुलिस वहां रेड करने जाती भी है तो नौसरबाज वहां नहीं मिलते हैं।

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