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जब अटल जी पीठ दर्द से थे परेशान,डॉ. इंद्रजीत ने किया था इलाज

ये बात वर्ष 1979 की है। तब अटल बिहारी वाजपेयी सांसद थे। वह अगस्त 1979 में किसी काम से लुधियाना दौरे पर आए थे। अटल जी मेरे पिता स्वतंत्रता सेनानी ज्ञान सिंह ढींगरा के करीबी थे। इसी वजह से जब वह लुधियाना आए तो मेरे पिता से मिलने के लिए विशेष रूप से सलेम टाबरी स्थित डॉ.कोटनिस एक्यूपंक्चर अस्पताल पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 07:15 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 07:15 AM (IST)
जब अटल जी पीठ दर्द से थे परेशान,डॉ. इंद्रजीत ने किया था इलाज

आशा मेहता, लुधियाना

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ये बात वर्ष 1979 की है। तब अटल बिहारी वाजपेयी सांसद थे। वह अगस्त 1979 में किसी काम से लुधियाना दौरे पर आए थे। अटल जी मेरे पिता स्वतंत्रता सेनानी ज्ञान सिंह ढींगरा के करीबी थे। इसी वजह से जब वह लुधियाना आए तो मेरे पिता से मिलने के लिए विशेष रूप से सलेम टाबरी स्थित डॉ.कोटनिस एक्यूपंक्चर अस्पताल पहुंचे। मेरे पिता एक्यूपंक्चर अस्पताल की कमेटी के जनरल सेक्रेटरी थे, जबकि जनता पार्टी के तत्कालीन प्रेजीडेंट वीर यज्ञदत्त शर्मा अस्पताल की कमेटी के पहले प्रेजीडेंट थे। वे करीब डेढ़ घंटे तक हमारे साथ अस्पताल में रहे और एक्यूपंक्चर पद्धति इलाज के बारे में जाना। इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मीटिंग भी की। कार्यकर्ताओं के साथ उनके संवाद करने के कौशल को देखकर मैं हतप्रभ था। उनकी बातें सीधे दिल को छू रही थी। वह एक्यूपंक्चर इलाज पद्धति की विशेषताओं के बारे में जानकर काफी प्रभावित हुए और जाने से पहले विजटर बुक में इसका जिक्र भी करके गए। अटल जी ने विजटर बुक में लिखा कि 'एक्यूपंक्चर पद्धति वाला यह इंस्टीट्यूट गवर्नमेंट और नॉन गवर्नमेंट से फाइनेंशियल हेल्प डिजर्व करता है..'। अस्पताल से जाने से पहले उन्होंने शहीद करतार सिंह ब्लाक के सामने तस्वीर भी खिंचवाई। इसके बाद अटल जी से मिलने का मौका तब मिला जब वह पीठ दर्द से परेशान थे। यह बात वर्ष 1982 की है। मेरे पिता दिल्ली में अटल जी से मिलने उनके घर गए। तब अटल जी ने उन्हें अपने पीठ दर्द की बात बताई। अटल जी ने पिता जी को बताया कि पीठ में अकड़न होने की वजह से उन्हें उठने-बैठने में दिक्कत आ रही है, जिसके बाद मेरे पिता ने अटल जी से कहा कि आप हमारे अस्पताल में चलें, वहां एक्यूपंक्चर से पीठ दर्द तुरंत ठीक हो जाएगा, लेकिन व्यस्तता होने के चलते अटल जी ने लुधियाना आ पाने में असमर्थता जाहिर की। जिसके बाद मेरे पिता जी ने अटल जी से कहा कि यदि आप लुधियाना नहीं जा सकते हो तो मैं अपने बेटे को दिल्ली बुला लेता हूं। वह घर पर ही एक्यूपंक्चर से इलाज करके पीठ दर्द को ठीक कर देगा। अटल जी की स्वीकृति मिलने पर मेरे पिता लुधियाना आए और मुझे अपने साथ लेकर दिल्ली गए। मैंने चार दिन तक रोजाना डेढ़ घंटे अटल जी का इलाज किया, जिसके बाद वह ठीक हो गए। पीठ का दर्द दूर होने के बाद तो एक्यूपंक्चर पद्धति पर उनका विश्वास और बढ़ गया।

जैसा कि डॉ. कोटनिस एक्यूपंक्चर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह ढींगरा ने बताया।


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