लुधियाना के एक थाने की अजब कहानी, 22 दिन में बदले तीन प्रभारी; नौसरबाजी की FIR लिखने में लग गए 14 दिन
थाना डिविजन नंबर चार के पूर्व थाना प्रभारी सतवंत सिंह को 14 जून को बदल दिया गया। उन्हें थाना लाडोवाल का प्रभार सौंपा गया। अतिरिक्त थाना प्रभारी मंजू बाला को थाना नंबर चार की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके कार्यकाल में कई मामले दर्ज होने के लिए अधर में लटके रहे।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। व्यवस्था में जब खामियां होती हैं तो उसका खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ता है। लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। थाना डिविजन नंबर चार में 22 दिन में तीन प्रभारी बदले गए। इसका सीधा असर थाने में एफआइआर दर्ज करवाने पहुंच रहे लोगों पर पड़ा। एक महिला से सोने की चूड़ियां छीन ले गए नौसरबाजों के खिलाफ एफआइआर लिखने में थाना डिविजन नंबर चार की पुलिस को 14 दिन का समय लग गया। नौसरबाज कौन हैं इसकी जानकारी अब तक पुलिस के पास नहीं है। पुलिस ने 14 दिन बाद भी तीन अज्ञात पर ही केस दर्ज किया है।
थाना डिविजन नंबर चार के पूर्व थाना प्रभारी सतवंत सिंह को 14 जून को बदल दिया गया। उन्हें थाना लाडोवाल का प्रभार सौंपा गया। अतिरिक्त थाना प्रभारी मंजू बाला को थाना नंबर चार की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके कार्यकाल में कई मामले दर्ज होने के लिए अधर में लटके रहे। इसमें छावनी मोहल्ला में महिला पूजा आत्महत्या मामला चर्चित रहा। छह जुलाई को इस थाने का प्रभारी जसपाल सिंह को लगाया गया जिसके बाद पूजा आत्महत्या मामले में आरोपित नामजद किए गए। 28 जून को महिला राजिंदर कौर के साथ हुई नौसरबाजी का केस भी नया थाना प्रभारी आने के बाद ही दर्ज हुआ है।
थाने के चक्कर लगवाते रहे पुलिस वाले
नौसरबाजी का शिकार हुई महिला राजिंदर कौर के बेटे रविंदर पाल सिंह का कहना है कि जिस दिन यह घटना हुई पुलिस को इसकी शिकायत दे दी थी। कार्रवाई करने के बजाय पुलिस वाले उनसे थाने के चक्कर लगवाते रहे। नए एसएचओ जसपाल सिंह ने चार्ज संभालने के बाद हमारे केस को गंभीरता से देखा और केस दर्ज करवाया।
पहले खुद करते रहे पड़ताल, हमारे पास नहीं आए
थाना प्रभारी जसपाल सिंह का कहना है कि शिकायतकर्ता उनके पास पहले नहीं आए। वह अपने स्तर पर दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक करते रहे। एक जगह उन्हें युवकों की फुटेज मिली जिसके बाद सोमवार को वे हमारे पास आए।