भगवान श्रीराम ने सीता स्वयंवर में तोड़ दिया धनुष
कोरोना काल में दैनिक जागरण की तरफ से सुधी पाठकों के लिए श्री राम कथा का शब्द चित्रण शुरू किया गया है।
जासं, लुधियाना: कोरोना काल में दैनिक जागरण की तरफ से सुधी पाठकों के लिए श्री राम कथा का शब्द चित्रण शुरू किया गया है। इसमें अगली कड़ी के तहत धनुष यज्ञ और भगवान श्रीराम का जनकनंदिनी से विवाह के प्रसंग का चित्रण किया गया है।
विजय श्री रामलीला क्लब ग्यासपुरा द्वारा आयोजित रामलीला में परिणयसूत्र में बंधे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और माता जानकी की झांकी के दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो उठे। लीला प्रसंग की शुरुआत राजा जनक के दूत के निमंत्रण पत्र लेकर अयोध्या में पहुंचने से हुई। राजा दशरथ निमंत्रण पत्र को प्रसन्न भाव से पढ़ते हैं कि किस प्रकार राम लक्ष्मण सीता स्वयंवर में आए और राम ने धुरंधर राजाओं के बीच भगवान शिव के धनुष को तोड़ा। फिर क्रोध में आए परशुराम भगवान श्रीराम के प्रताप को देखकर अपना धनुष अर्पण कर चले गए। राजा दशरथ महाराज जनक के दूत से राम व लक्ष्मण का कुशलक्षेम पूछते हैं। बरात के जनकपुरी पहुंचने पर राम व लक्ष्मण गुरु व पिता समेत अयोध्या वासियों से मिलते हैं। ज्योतिषि द्वारा विवाह का शुभ मुहूर्त बताने पर राजा दशरथ सभी के साथ विवाह मंडप में जाते हैं। आकाश से देवगण पुष्प वर्षा करते हैं, फिर जनकपुर पर भगवान श्रीराम के विवाह का मंचन किया जाता है। आरती के साथ कार्यक्रम को विश्राम दिया गया।