लुधियाना में अवैध खनन काे लेकर सियासत तेज, लोक इंसाफ पार्टी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की उठाई मांग
लुधियाना के कई क्षेत्राें में हाे रहे अवैध खनन काे लेकर अब पंजाब सरकार की परेशानी बढ़ गई है। यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। राजनीतिक दल इस पर सरकार काे घेरने में जुटे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। लुधियाना में अवैध खनन के मामले में अब सियासत तेज हाे गई है। विपक्ष ने इस मामले पर पंजाब सरकार काे घेरना शुरू कर दिया है। साेमवार काे लोक इंसाफ पार्टी के प्रवक्ता गगनदीप सिंह सन्नी कैंथ ने आरोप लगाया कि अवैध माइनिंग कर रहे कुछ लोगों को पुलिस ने मशीनरी सहित पकड़ा और बाद में छोड़ दिया। इसके बाद लाडोवाल के एसएचओ को सस्पेंड करके मामले की खानापूर्ति करते दबाने का प्रयास किया।
गगनदीप सिंह ने इसकी जांच किसी उच्च अधिकारी से करवाने की मांग करते हुए कहा कि जब मशीनरी सहित माइनिंग माफिया पकड़ा था तो ऐसी क्या स्थिति थी कि पुलिस को उसे छोड़ना पड़ गया। इससे पहले भी लोक इंसाफ पार्टी इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर चुकी है।
अवैध माइनिंग का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन
इससे पहले लुधियाना में सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों में अवैध खनन के आरोपों को जिला प्रशासन ने नकार दिया था। हाई कोर्ट में दी रिपोर्ट कहा कि मत्तेवाड़ा, झुगियां, मांगली, रोड़, बूथगढ़ और गढीशेरू जैसे गांवों के पास अवैध खनन के हाल में कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। इस रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने सुनवाई को 30 जुलाई तक स्थगित कर दिया था।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों पर दायर की गई लुधियाना के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह और डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट दायर की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ समय पहले शहीद भगत सिंह नगर के अधीन पड़ने वाले आरडी-157 क्षेत्र में खनन किया गया था, लेकिन यह हाल के दिनों का नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गढी तोगां, गढी फजल, मत्तेवाड़ा, मांगली, रोड़, बूथगढ़, गढीशेरू, टांडा और जीवनपुर गांवों को बचाने के लिए धुस्सी बांध की तुरंत मरम्मत किए जाने की जरूरत है।