बायोडिग्रेबल बैग्स के खिलाफ आशु से मिले प्लास्टिक कारोबारी
आल प्लास्टिक मैन्युफेक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन पंजाब के बैनर तले कारोबारी सूबे के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री से मिले और बायोडिग्रेबेल बैग्स का चलन शुरू करने पर अपने तर्को के साथ विरोध जताया। आशु ने भरोसा दिलाया कि उनके तर्को पर विचार किया जाएगा।
जासं, लुधियाना
आल प्लास्टिक मैन्युफेक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन पंजाब के बैनर तले कारोबारी सूबे के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री से मिले और बायोडिग्रेबेल बैग्स का चलन शुरू करने पर अपने तर्को के साथ विरोध जताया। आशु ने भरोसा दिलाया कि उनके तर्को पर विचार किया जाएगा।
काबिलेजिक्र है कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मक्की और आलू के स्टार्च से बने कैरी बैग को उपयोग में लाने का अभियान शुरू किया है। एसोसिएशन के प्रधान कंवर सिंह का कहना है कि उक्त बैग पर्यावरण फ्रैंडली नहीं हैं। स्टार्च से बना लिफाफा छह माह तक खत्म नहीं होता और न ही इनको रिसाइकिल किया जा सकता है। साथ ही पचास माइक्रोन तक के प्लास्टिक के लिफाफे की कीमत अस्सी रुपये प्रति किलो है, जबकि स्टार्च से बने लिफाफों की कीमत करीब साढ़े चार सौ रुपये प्रति किलो है। साफ है कि यह जनता पर अतिरिक्त बोझ है। ये लिफाफे सड़कों पर गंदगी फैला सकते हैं। इन लिफाफों को चूहे भी खाएंगे। इससे बीमारी भी फैल सकती है।
कंवर सिंह ने कहा कि लुधियाना में रोजाना 75 टन प्लास्टिक निकलता है और इसे रिसाइकिल किया जाता है। उनका कहना है कि स्टार्च लिफाफे का कच्चा माल चीन से आयात किया जाता है। घरेलू स्तर पर यह उपलब्ध नहीं है।
कंवर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी पचास माइक्रोन तक के कैरी बैग को हरी झंडी दे रखी है और इनको आसानी से रिसाइकिल भी किया जा सकता है।
इस अवसर पर सुमित टंडन, राजिंदर गुप्ता, बलदेव आहूजा, मोहिंदर जैन, अशोक विग, अशोक माणिक, रजत दुग्गल, मनमोहन सिंह, दविंदर सिंह समेत कई कारोबारी मौजूद रहे।