'मैनेजमेंट गुरु' डॉ. एमए जहीर ने संसार को कहा अलविदा
पीएयू में बेसिक साइंस एवं ह्युमेनिटीज कॉलेज के पूर्व डीन एवं मैनेजमेंट गुरु डॉ. मोहम्मद अब्दुल जहीर संसार को अलविदा कर गए। वीरवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे डीएमसी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पीएयू में बेसिक साइंस एवं ह्युमेनिटीज कॉलेज के पूर्व डीन एवं मैनेजमेंट गुरु डॉ. मोहम्मद अब्दुल जहीर संसार को अलविदा कर गए। वीरवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे डीएमसी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से शिक्षा एवं उद्योग जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वे बेहतरीन शिक्षक के साथ-साथ विचारक, मैनेजमेंट गुरु और सुलझे हुए मार्गदर्शक भी थे। पांच नवंबर को डॉ. एमए जहीर को ब्रेन हेमरेज हुआ। उनको तुरंत लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में दाखिल कराया गया। वहां उनका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों के अथक प्रयास भी उनको बचा नहीं पाए और उन्होंने वीरवार दोपहर साढ़े बारह बजे अंतिम सांस ली। डॉ. जहीर का जन्म बनारस में हुआ था। उन्होंने वहीं से अपनी शिक्षा पूरी की और फिर भारतीय रिजर्व बैंक में नौकरी की। इसके बाद वे अध्यापन के क्षेत्र में आ गए और पहले शिमला जाकर अध्यापन का काम शुरू किया। वर्ष 1977 में वे पीएयू के बिजनेस मैनेजमेंट विभाग में नियुक्त हुए और वर्ष 2002 में पीएयू के बेसिक साइंस एवं ह्युमेनिटीज विभाग में डीन के पद से रिटायर हुए। इसके बाद उन्होंने सिनेटिक बिजनेस स्कूल खोला और युवाओं को मैनेजमेंट की शिक्षा देनी शुरू की। डॉ. जहीर ने क्लासिकल संगीत को प्रमोट कर रही संस्था स्पिक मैके को लुधियाना में लांच किया। कई संस्थानों में दीं सेवाएं
इसके अलावा वे लुधियाना मैनेजमेंट के साथ भी लगातार जुड़े रहे। इसके अलावा वे आईओएल केमिकल्स एवं फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के मई 2013 से नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की जिम्मेदारी निभा रहे थे। वे कंपनी में इंडिपेंडेंट डायरेक्टर भी थे। इसके साथ ही उन्होंने हीरो साइकिल्स लिमिटेड, हाईवे साइकिल्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ट्राईडेंट कॉटन लिमिटेड, ट्राईडेंट इंफोटेक लिमिटेड, रालसन इंडिया लिमिटेड, एलएसई सिक्योरिटीज लिमिटेड, सौरभ स्पीनिंग मिल्स लिमिटेड, रॉकमैन साइकिल्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हीरो होंडा फिनलीज, सनशाइन कारपोरेशन, लोटस इंटेग्रेटेड टेक्सपार्क लिमिटेड में डायरेक्टर की जिम्मेदारियां संभाली।
भरपाई नहीं की जा सकती: कमल वढेहरा
लुधियाना मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कमल वढेहरा का कहना है कि इस क्षेत्र ने एक बड़ा मैनेजमेंट गुरु खो दिया है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उन्होंने औद्योगिक घरानों को मॉडर्न मैनेजमेंट तरीकों से आगे बढ़ने की राह दिखाई। उनकी बातचीत में हमेशा ही साकारात्मकता झलकती थी। जीवन में बेहतर करने को करते थे प्रेरित : डॉ. संदीप
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कंट्रोलर डॉ. संदीप कपूर का कहना है कि डॉ. जहीर उनके शिक्षक रहे और उन्हीं की बदौलत वे मैनेजमेंट के प्रोफेसर बने। डॉ. कपूर का तर्क है कि वे एक विचारक थे और लोगों को हमेशा ही जीवन में बेहतर करने के लिए प्रेरित करते थे। कई कंपनियों के बोर्ड में रह कर उन्होंने उद्यमियों को बेहतर प्रबंधन की बारीकियों से अपडेट किया। उनकी यही कोशिश रहती थी कि किसी की प्रतिभा से बेस्ट कैसे हासिल करना है। उनके निधन से शिक्षा एवं उद्योग जगत को बड़ा नुकसान हुआ है।