कोरोना के साइड इफेक्ट्स, लेबर शॉर्टेज से जूझने लगा फिरोजपुर एलिवेटिड प्रोजेक्ट
कोरोना के साइड इफेक्ट्स दिखने लगे हैं।
राजेश शर्मा, लुधियाना
कोरोना के साइड इफेक्ट्स दिखने लगे हैं। लेबर शॉर्टेज की वजह से फिरोजपुर रोड एलिवेटिड प्रोजेक्ट का कार्य प्रभावित हो गया है। कर्फ्यू के दौरान जिला प्रशासन द्वारा अनुमति देने पर जोरशोर से शुरू हुए प्रोजेक्ट की रफ्तार एक सप्ताह बाद ही धीमी पड़ गई। इस कारण एक बार फिर से इस कार्य में बाधा आ सकती है। अक्टूबर 2017 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
फिरोजपुर रोड चुंगी से समराला चौक तक 13 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में देरी की वजह आधे से अधिक मजदूरों का अपने घरों को पलायन करना है। 756 करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट अक्तूबर 2017 में आरंभ हुआ था। इसको अप्रैल 2020 में पूरा होना था। लॉकडाउन के चलते 40 दिन तक यह प्रोजेक्ट बंद रहा। शर्तो के साथ दोबारा शुरू हुआ था कार्य
कर्फ्यू के दौरान जिला प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट सहित नेशनल हाईवे अथॉरिटी के जिले में चल रहे अन्य प्रोजेक्ट को सशर्त शुरू करने की इजाजत दे दी। शर्त थी कि फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए सेहत विभाग द्वारा जारी हिदायतों का पालन अनिवार्य होगा। इसके बाद ज्यों ही सरकार ने श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेनों का बंदोबस्त किया तो प्रोजेक्ट में लगे मजदूर भी गांव लौट गए। जरूरत से आधे ही मजदूर बचे
इसकी पुष्टि करते हुए एनएचएआइ के डायरेक्टर बीएस चौहान बताते हैं कि कर्फ्यू के दौरान निर्माण की इजाजत मिली तो लेबर काम पर लौट आई। लेकिन, ज्यों ही नि:शुल्क ट्रेनें चलनी शुरू हुईं तो लेबर की शॉर्टेज आने लगी। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि प्रोजेक्ट निर्माण में आधे ही मजदूर बचे हैं।