Malwa Khalsa School: इस स्कूल ने देश को दिए कई होनहार, वर्ष 1907 में हुई शुरुआत Ludhiana News
स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब जस्टिस गुरनाम सिंह डीजीपी पंजाब रह चुके केपीएस गिल साहिर लुधियानवी नेशनल कोच हॉकी बलदेव सिंह यहां पढ़ाई कर चुके हैं।
लुधियाना, [राधिका कपूर]। पुराने शहर के मॉडल ग्राम मार्केट का मालवा खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल सौ साल से भी पुराना है। यह एक ऐसा स्कूल है, जिसके विद्यार्थी अब भी भारतीय हॉकी टीम में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। स्कूल ने ऐसे कई होनहार दिए हैं, जो वर्तमान में बड़े से बड़े रैंक पर आसीन हैं। इन एलुमिनी को जानने से पहले स्कूल का परिचय जानना बहुत जरूरी है।
वर्ष 1907 में मालवा खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल की जब शुरुआत हुई थी, उस दौरान स्कूल मालवा हाई स्कूल के नाम से शुरू हुआ था और केवल लड़के ही पढ़ा करते थे। स्कूल की जब शुरुआत हुई थी तो वह सिविल लाइंस के खालसा कॉलेज फॉर वुमेन में चलता था, उस समय कॉलेज की बिल्डिंग स्कूल के ही पास थी। वर्ष 1987 में इस स्कूल को सीनियर सेकेंडरी कर दिया गया और वर्ष 2014 में यह स्कूल को-एजुकेशन हो गया। खालसा दीवान लुधियाना के बैनर तले चलने वाले इस स्कूल ने वर्ष 2007 में अपने सौ साल पूरे किए।
ये रह चुके हैं स्कूल के एलुमनी
इस स्कूल में स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा, पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब जस्टिस गुरनाम सिंह, डीजीपी पंजाब रह चुके केपीएस गिल, साहिर लुधियानवी, नेशनल कोच हॉकी बलदेव सिंह, पूर्व मंत्री महेश इंदर सिंह गरेवाल, विधायक मनप्रीत अयाली आदि ऐसे नाम हैं, जो स्कूल के एलुमिनी रह चुके हैं। इतना ही नहीं स्कूल ने हॉकी में कई ऐसे खिलाड़ी दिए हैं जो भारतीय हॉकी टीम में या तो प्रतिनिधित्व कर चुके हैं या अभी भी कर रहे हैं। परविंदर सिंह, हरजोत सिंह ऐसे हॉकी खिलाड़ी है, जो भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
दो खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम का कर रहे प्रतिनिधित्व
स्कूल से वर्ष 2003 में पास आउट हुए आकाशदीप सिंह और वर्ष 2012 में पास आउट हुए हरमनप्रीत सिंह ऐसे हॉकी खिलाड़ी हैं, जोकि अभी भी भारतीय हॉकी टीम में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इन दोनों विद्यार्थियों ने स्कूल के साथ-साथ लुधियाना शहर का भी गौरव बढ़ाया है।
दस हजार गज में बना है स्कूल, 800 विद्यार्थी ग्रहण कर रहे शिक्षा
दस हजार गज में बने इस स्कूल में 800 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं और 30 अनुभवी फैकल्टी विद्यार्थियों को शिक्षा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब स्कूल की शुरुआत हुई थी, तो उस समय विद्यार्थियों की संख्या काफी कम थी। धीरे-धीरे स्कूल हाई से सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अपग्रेड हुआ और फिर को-एजुकेशन की शुरुआत हुई। समय के साथ-साथ कई योग्य शख्सियतों ने इस स्कूल से शिक्षा हासिल कर देश का गौरव बढ़ाया है। फिलहाल स्कूल में 22 क्लास रूम, एक ऑडिटोरियम, कंप्यूटर, फिजिक्स, केमिस्ट्री की लैब है। इसी के साथ-साथ एनसीसी और एनएसएस यूनिट भी इस स्कूल में चल रहा है।
करणजीत ने लेक्चरार से शुरू किया था सफर
स्कूल प्रिंसिपल करणजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि वह वर्ष 1996 से ही स्कूल के साथ जुड़े हुए हैं। पहले स्कूल में वह गणित के लेक्चरार रहे हैं और वर्ष 2013 से अब तक स्कूल में बतौर प्रिंसिपल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान ही उन्होंने कई ऐसे विद्यार्थी देखे हैं, जिन्होंने भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व किया है।
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