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Kisan Mela: 50 हजार से अधिक किसानों ने Online लिए PAU के कृषि वैज्ञानिकों से खेती के टिप्स

कोरोना काल में पीएयू के किसान मेले का स्वरूप बदला हुआ दिखा। पहली बार आमने-सामने न होकर किसान विशेषज्ञों से ऑनलाइन जुड़े।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 11:01 AM (IST)
Kisan Mela: 50 हजार से अधिक किसानों ने Online लिए PAU के कृषि वैज्ञानिकों से खेती के टिप्स
Kisan Mela: 50 हजार से अधिक किसानों ने Online लिए PAU के कृषि वैज्ञानिकों से खेती के टिप्स

जेएनएन, लुधियाना। कोविड-19 के कारण इस बार किसान मेले का स्वरूप बदल गया है। पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) का प्रत्येक वर्ष होने वाला किसान मेला हमेशा से ही किसानों में आकर्षण का केंद्र रहा है। इसमें पंजाब भर के किसान शिरकत करते हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण पहली बार शुक्रवार को वर्चुअल किसान मेले का आगाज किया गया। प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा किसान ऑनलाइन जुड़े और पीएयू के विशेषज्ञों से रूबरू होकर कृषि संबंधी अपनी जिज्ञासाओं का हल किया।

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धान की कटाई के सीजन को देखते हुए पीएयू ने इस बार मेले का थीम 'वीरा साड़ न पराली मिट्टी पाणी वी संभाल, आपणे पंजाब दा तू रख ख्याल' रखा। इस थीम के जरिए पीएयू ने किसानों को संदेश दिया कि वह पराली को खेतों में न जलाकर पंजाब की हवा को सुरक्षित रखें। पीएयू ने चेताया भी कि कोरोना महामारी के वक्त पराली फूंकने का रूझान सबके लिए घातक साबित हो सकता है। वहीं, आज के किसान भी पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूक हो रहे हैं। मेले में वह भी चिंतित दिखे और इसमें किसानों ने सबसे अधिक सवाल पराली प्रबंधन और इसके विकल्पों को लेकर किए।

इससे पहले, किसान मेले का उद्घाटन सुबह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया। उद्घाटन के दौरान पीएयू के थापर हाल में वीसी डॉ. बलदेव सिंह ढिल्लों, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसिस यूनिवर्सिटी (गडवासू) के वीसी डॉ. इंद्रजीत सिंह भी मौजूद रहे। धान की कटाई के सीजन को देखते हुए पीएयू ने इस बार मेले का थीम 'वीरा साड़ न पराली मिट्टी पाणी वी संभाल, आपणे पंजाब दा तू रख ख्याल' रखा। इस थीम के जरिए पीएयू ने किसानों को संदेश दिया कि वह पराली को खेतों में न जलाकर पंजाब की हवा को सुरक्षित रखें। पीएयू ने चेताया भी कि कोरोना महामारी के वक्त पराली फूंकने का रूझान सबके लिए घातक साबित हो सकता है।

यह रहा प्रारूप : साझा किए लिंक से माहिरों से घर बैठे जुड़े किसान

पंजाब भर के किसानों को पहले वर्चुअल किसान मेले से जोडऩे के लिए पीएयू ने विशेष लिंक https://www.kisanmela.pau.edu तैयार किया था। इसे वाट्स्एप, फेसबुक, ट्विटर व सोशल मीडिया के अन्य साधनों के जरिए करीब एक लाख किसानों के साथ साझा किया था। किसानों ने जब इस लिंक पर क्लिक किया तो उन्हें दो ऑप्शन दिखे। एक पीएयू एग्जीबिशन और दूसरा खेती एग्रो प्रदर्शनी।

अलग-अलग ऑप्शन पर यह थी जानकारी

पीएयू एग्जीबिशन ऑप्शन पर क्लिक करने पर आगे पीएयू के अलग-अलग विभागों की जानकारी आई। जब किसान किसी एक विभाग पर क्लिक कर रहे थे, तो उन्हें आगे तीन ऑप्शन फोटो प्रदर्शनी, खेत प्रदर्शनी और माहिरों के साथ बातचीत आई। फोटो प्रदर्शनी पर क्लिक करने पर चार्ट के जरिए आंकड़ों सहित जानकारी दी गई थी। खेत प्रदर्शनी में फील्ड की वीडियो शेयर की गई थी। तीसरा सबसे महत्वपूर्ण रहा माहिरों से बातचीत का ऑप्शन। जैसे ही इस ऑप्शन पर किसान क्लिक कर रहे थे, तो उनसे मोबाइल नंबर की जानकारी देने के लिए कहा जा रहा था। मोबाइल नंबर देने के बाद संबंधित विभाग के वैज्ञानिक खुद किसान को बैक कॉल करके उनसे बात कर रहे थे।

अलग-अलग जिलों में स्थापित केंद्रों के विशेषज्ञ जुड़े

पीएयू के एडशिनल डायरेक्टर ऑफ कम्यूनिकेशन डॉ. टीएस रियाड़ के अनुसार वर्चुअल किसान मेले से जुड़े किसानों के सवालों के जवाब देने के लिए पीएयू सहित पंजाब के अलग-अलग जिलों में स्थापित केंद्रों के 35 विभागों के विशेषज्ञ शामिल हुए। हर विभाग से चार-चार विशेषज्ञों यानि कुल 140 विशेषज्ञ जुड़े।

साढ़े चार घंटे में 3500 से अधिक प्रश्न पूछे गए

प्रदेश में सितंबर के चौथे सप्ताह से धान की कटाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में किसानों ने माहिरों से पराली प्रबंधन के विकल्पों को पूछा। किसानों ने पूछा कि किन मशीनों से पराली को खेत में और खेत से बाहर संभाला जा सकता है। पराली संभालने वाली मशीनों की सब्सिडी कैसे मिलेगी और मशीनें कहां से खरीदें। इसके अलावा पशु आहार के तौर पर पराली के क्या विकल्प हैं।

किसानों के इन सवालों के जवाब पीएयू के फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों की टीम से डॉ. गुरसाहिब सिंह, डॉ. मनप्रीत सिंह, डॉ. मनजीत सिंह ने दिए। किसानों ने धान की कटाई के बाद आगामी रबी सीजन में गेहूं, सब्जियों की बिजाई से जुड़े सवाल भी पूछे। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे से शाम पांच बजे तक 3500 से अधिक प्रश्न फेसबुक और यूट्यूब पर कमेंट करते हुए व फोन कॉल के जरिए पूछे गए।

पैनल डिस्कशन सेशन के जरिए अलग-अलग विभागों ने दी जानकारी 

वर्चुअल किसान मेले में अलग अलग विषयों को लेकर पैनल डिस्कशन फेसबुक व यूटयूब के जरिए लाइव भी हुआ। पहला पैडी स्ट्रा मैनेजमेंट पर पैनल डिस्कशन दोपहर एक से ढाई बजे तक हुआ। इसमें फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियङ्क्षरग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट किसानों से रूबरू हुए जबकि दूसरा पैनल डिस्कशन डायरेक्टर सीडेड राइस पर था। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ एग्रोनॉमी के एक्सपर्ट ने किसानों से राबता किया। वहीं वाटर सेविंग टेक्नोलॉजी पर हुए पैनल डिस्कशन में सॉयल एंड वॉटर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट ने जानकारी दी।


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