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लुधियाना के चेत सिंह नगर में जालंधर पुलिस की दबिश, नशीली दवाओं का जखीरा बरामद

चेत सिंह नगर इलाके में ड्रग रैकेट चला रहे व्यक्ति के घर में जालंधर पुलिस ने दबिश देकर भारी मात्रा में नशीली दवाअाें का जखीरा बरामद किया है। बताया जा रहा है कि वहां से 30 हजार के करीब नशीली गोलियां बरामद की गई हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 01:15 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 01:15 PM (IST)
लुधियाना के चेत सिंह नगर में जालंधर पुलिस की दबिश, नशीली दवाओं का जखीरा बरामद
चेत सिंह नगर इलाके में ड्रग रैकेट चला रहे व्यक्ति के घर में जालंधर पुलिस का छापा।

लुधियाना, जेएनएन। शहर के चेत सिंह नगर इलाके में ड्रग रैकेट चला रहे व्यक्ति के घर में जालंधर पुलिस ने दबिश देकर भारी मात्रा में नशीली दवाअाें का जखीरा बरामद किया है। बताया जा रहा है कि वहां से 30 हजार के करीब नशीली गोलियां बरामद की गई हैं। समाचार लिखे जाने तक पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें उन्हें गिनने में लगी हुई थीं।

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एसीपी धर्मपाल ने बताया कि चार दिन पहले जालंधर पुलिस ने नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से 27 हजार नशीली गोलियां बरामद की गईं थी। रिमांड के दौरान पूछताछ में उसने बताया कि उक्त नशीली दवाएं वह लुधियाना के गिल रोड स्थित राधा स्वामी रोड के चेत सिंह नगर की गली नंबर 6 निवासी विकास बांसल उर्फ बंटी से लेकर आता था।

इसका पता चलते ही पुलिस की टीम ने शनिवार शाम छह बजे चेत सिंह नगर में बंटी के मकान पर रेड करके उसे काबू कर लिया। मगर उस समय पुलिस की जांच में सहायता करने के लिए ड्रग इंस्पेक्टर उपलब्ध नहीं हो सके। जिसके कारण पुलिस ने उसके घर काे सील करके छोड़ दिया। रविवार सुबह पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर रुपप्रीत कौर तथा संदीप कौशिक के साथ मिल कर आरोपित के मकान को खुलवाया और दवाओं को कब्जे में लेकर उनकी गिनती का काम करना शुरू किया।

6-7 साल से दवाओं का काम करता है आरोपित विकास बांसल

धर्मपाल ने कहा कि बरामद हुई दवाओं की संख्या बहुत ज्यादा हो सकती है। आरोपित को अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। उससे पूछताछ के दौरान पता लगाया जाएगा कि वो इतनी बड़ी तादाद में नशीली दवाएं कहां से लेकर आता था। उधर, इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि आरोपित विकास बांसल पिछले 6-7 साल से दवाओं का काम कर रहा है। हर शाम उसके पास दवाएं लेने वालों की लाइन लगी रहती थी। उसके पास आने वालों में आटो रिक्शा ड्राइवर ज्यादा होते थे। जो उससे दवाओं के डिब्बे लेकर जाते थे।


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