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गाइडलाइंस का पालन कर ले सकेंगे गुरुदेवों से आशीर्वाद

पर्यूषण एक आलौकिक पर्व है जिसमें आठ दिन तक आराधना की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 05:00 AM (IST)
गाइडलाइंस का पालन कर ले सकेंगे गुरुदेवों से आशीर्वाद
गाइडलाइंस का पालन कर ले सकेंगे गुरुदेवों से आशीर्वाद

कृष्ण गोपाल, लुधियाना

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पर्यूषण एक आलौकिक पर्व है जिसमें आठ दिन तक आराधना की जाती है। इस पर्व को 12 दिन शेष हैं। श्रावक-श्राविकाएं इन दिनों तप, व्रत और अनुष्ठान आदि करते हैं। आठ दिन संवत्सरी पर्व का प्रार्दर्भाव होता है, जिसमें हम एक-दूसरे से क्षमा याचना करते हैं। जैन समाज का सबसे बड़ा पर्व पर्वाधिराज महापर्व पर्यूषण को लेकर मंदिरों से लेकर जैन स्थानक व तेरापंथ में धर्म के ठाठे लगते हैं।

महापर्व पर्यूषण को लेकर मंदिरों में जहां आंगी रचना, नवकारसी, पच्चक्खाण, एकाशने का रूप लेता है, वहीं जैन स्थानकों व तेरापंथ में धर्म सभाओं से लेकर श्रावक-श्राविकाएं जप, तप, स्वाध्याय के संगम में रहते हैं, लेकिन इस बार ऐसा कम ही दिखेगा। इसका कारण यह है कि कोरोना ने सभी को हिला कर रख दिया। इस बार सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार घरों में जप, तप व मंगलाचरण का संगम रहेगा। गुरुदेवों के दर्शनों को लेकर सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही सभी दर्शन कर आशीर्वाद ले सकेंगे। गुरुदेंव की आज्ञा का पालन करेंगे

कुलदीप राय जैन, वरुण जैन ग्लौरी, जितेंद्र जैन रशम ने कहा कि इस बार जैन स्थानकों में बडे़-बडे़ संत विराजमान हुए हैं, जहां धर्म के ठाठे लगने थे और संगम दिखना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सब कुछ रह गया। सरकार की गाइडलाइंस हैं कि कम से कम व्यक्ति स्थानकों व धार्मिक स्थलों में शामिल हों। इसे देखते हुए ज्यादातर श्रावक-श्राविकाओं ने गुरुदेव की आज्ञा का पालन करते हुए घरों में जप, तप व स्वाध्याय करने का फैसला किया है। लोग अभी भी लापरवाही बरत रहे

अनिल जैन, संजीव जैन, दीपक जैन ने कहा कि हालात बदतर हो रहे हैं। स्थिति डावांडोल है, भारी संख्या में लोग अभी भी भीड़भाड़ वाले स्थानों में लापरवाही बरत रहे हैं। इसका सीधा नुकसान लोगों को ही है, कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में धार्मिक आयोजनों का होना ठीक नहीं है। आयोजन जहां हो भी रहे हैं, वहां पर व्यवस्था ऐसी हो, कि आने-जाने वाले को पूरी सुरक्षा महसूस हो, ताकि वह इस कोरोना वायरस से बचा रहे। गंभीर स्थिति को देखते हुए विचार करें

नंद कुमार जैन, फूलचंद जैन शाही लिवास, अजीत के जैन ने कहा कि जैन समुदाय का सबसे बड़ा पर्यूषण पर्व आ रहा है। लेकिन हम सबको आज की स्थिति को देखते हुए गंभीरता से विचार करना चाहिए कि आयोजनों में जाएं या ना। अगर बहुत जरूरी है तो मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी को गंभीरता से अपनाना होगा, ताकि कोई भी कोरोना वायरस की चपेट में ना आ सके और वह अपनी सुरक्षा भी कर सके।


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